West Bengal Governor Vs TMC: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और राज्य की बनर्जी सरकार के बीच बयानबाजी रुक सकती है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और गवर्नर बोस ने मंगलवार (28 फरवरी) को मीटिंग की है. इसके बाद ब्रत्य बसु ने कहा कि पूर्व गवर्नर जगदीप धनखड़ के कार्यकाल के दौरान रिश्तों में देखी गई उथल-पुथल के दोहराव की कोई संभावना नहीं है. 


वहीं गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा ने कहा, ''राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच रचनात्मक सहयोग होना चाहिए.'' दरअसल केंद्रीय मंत्री  (Nisith Pramanik) के काफिले पर शनिवार (25 फरवरी) को हुए पथराव को लेकर बोस ने बनर्जी सरकार की आलोचना की थी. इसी के बाद से राज्य सरकार और गवर्नर ने एक दूसरे पर निशाना साधना शुरू कर दिया था. 


सीवी आनंद बोस ने क्या कहा? 


गवर्नर सीवी आनंद बोस ने टीएमसी नेता ब्रत्य बसु और कई सरकारी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों के साथ बैठक के बाद कहा कि शासन एक सतत प्रक्रिया है; इसमें जांच और संतुलन चलता रहता है, बीच में सुधार भी होता है. इस दौरान बसु ने कहा कि राज्य सरकार राज्यपाल के साथ मिलकर टीम की तरह काम करेगी. इससे उम्मीद जताई जा रहा कि राज्य सरकार और राज्यपाल बोस के बीच के बीच चल रही बयानबाजी थमेगी. 


मामला कहां से शुरू हुआ? 


गृह एवं युवा मामले और खेल राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर कूचबिहार (Coochbehar) के दिनहाटा (Dinhata) में पार्टी वर्करों से मिलने जाने के दौरान हमला हुआ था. इससे उनकी गाड़ी के शीशे टूट गए थे.


प्रमाणिक ने आरोप लगाया था कि यह अटैक टीएमसी के लोगों ने किया है. इस पथराव का निंदा करते हुए राज्यपाल सीवी आनंद बोस कहा था कि वो बिगड़ती कानून व्यवस्था के मूक गवाह नहीं बनेंगे. इसको लेकर टीएमसी ने बोस की आलोचना करते हुए कहा था कि वह पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ की तरह कर रहे हैं. 


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