कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी में आरोप-प्रत्यारोप की जंग छिड़ गई है. मंगलवार को ममता बनर्जी ने कहा कि गवर्नर ने उन्हें धमकाया जिससे वो अपमानित महसूस कर रही हैं, ममता ने मीडिया से कहा कि गवर्नर उनसे इस तरह बात नहीं कर सकते. जबकि गवर्नर ने सीएम के इस बयान पर हैरानी जताई.
मैं गवर्नर की दया से सत्ता में नहीं आई हूं: ममता बनर्जी
दरअसल, गवर्नर ने सीएम ममता से उत्तरी 24 परगना जिले के बसीरहाट सब-डिविजन में हुई हिंसा को लेकर फोन कॉल किया था. ममता ने कहा कि गवर्नर से उनसे कई बातें कहीं जो अपमानित करने वाली थीं. ममता ने कहा, “गवर्नर संवैधानिक पद है और उन्हें संविधान का पालन करना चाहिए. मैं गवर्नर की दया से सत्ता में नहीं आई हूं.”
गवर्नर से सख्त नाराज ममता ने कहा, “राज्यपाल बीजेपी के ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं. मैं भारतीय जनता पार्टी की दया से इस पद पर नहीं हूं, मुझे लोगों ने चुना है. राज्यपाल मुझे धमकी नहीं दे सकते. हर बार बीजेपी के लोग उनसे मिलते हैं, वह अपने पक्ष में बोलना शुरू कर देते हैं.”
मुख्यमंत्री के रवैये और इस्तेमाल की गई भाषा से हैरान हैं राज्यपाल
ममता के बयान के बाद राज्यपाल ने अपनी सफाई दी. केसरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री के रवैये और इस्तेमाल की गई भाषा से हैरान हैं. उन्होंने कहा कि उनके और सीएम के बीच कोई भी बातचीत गोपनीय थी और किसी भी तरफ से इसे जाहिर करने की उम्मीद नहीं की जा सकती.
खास बात ये है कि जब राज्यपाल से बीजेपी और आरएसएस के संयुक्त शिष्ट मंडल ने मुलाकात की थी, उसके तुरंत बाद उन्होंने सीएम को फोन किया था. सूत्रों का कहना है कि गवर्नर ने सीएम से कहा कि क्यों उन्होंने वहां केंद्रीय सुरक्षाबल तैनात नहीं किए गए.
क्या है बसीरहाट हिंसा?
फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी जिसके बाद राज्य सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस की मदद के लिए बीएसएफ के 400 जवान भेजे हैं.
पुलिस ने बताया कि बसीरहाट के बदुरिया में दो समुदायों के बीच सोमवार रात पोस्ट को लेकर झड़पें शुरू हुईं. उसके बाद एक युवक को गिरफ्तार किया गया .पुलिस ने कहा कि हिंसक भीड़ ने कई स्थानों पर सड़कों को जाम कर दिया और दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला किया और कई दुकानों को निशाना बनाया.