पेगासस जासूसी मामले में ममता बनर्जी ने जांच आयोग का किया गठन, पश्चिम बंगाल ऐसा करने वाला पहला राज्य
पश्चिम बंगाल सरकार ने पेगासस जासूसी कांड की पड़ताल के लिए एक जांच आयोग का गठन किया है. पश्चिम बंगाल ऐसा करने वाला पहला राज्य है.
कोलकाता: पेगासस जासूसी मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया है. इस जांच आयोग में दो रिटायर्ड जज शामिल हैं, जो पश्चिम बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग के आरोपों की जांच करेंगे. ममता ने दिल्ली जाने से पहले कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया है. ममता ने कहा, 'हम चाहते थे कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र आयोग बनाए, लेकिन केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है.'
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन लोकुर आयोग के अध्यक्ष होंगे. जबकि कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ज्योतिरमय भट्टाचार्य दूसरे सदस्य होंगे. ममता बनर्जी ने कहा कि "पेगासस के माध्यम से, न्यायपालिका और नागरिक समाज सहित हर कोई निगरानी में है. हमें उम्मीद थी कि संसद के दौरान, केंद्र एससी पर्यवेक्षण के तहत जांच करेगा, लेकिन उन्होंने नहीं किया. पश्चिम बंगाल आयोग शुरू करने वाला पहला राज्य है."
ममता ने कहा कि पैनल जांच करेगा, "हैकिंग किसने की, उन्होंने यह कैसे किया और लोगों की आवाज क्यों दबाई जा रही थी." उन्होंने कहा कि जांच आयोग अधिनियम के तहत पैनल का गठन किया जा रहा है. दिल्ली जाने से पहले कैबिनेट की बैठक में अभी निर्णय लिया गया है.
ममता बनर्जी आज दिल्ली के लिए रवाना हो रही हैं. 28 जुलाई को उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम है. दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज मंत्रिमंडल की विशेष बैठक बुलायी. शाम 5 बजे तक ममता दिल्ली पहुंचेंगी. 29 जुलाई तक वहां रहेंगी. वह अपनी यात्रा के दौरान कई विपक्षी नेताओं से भी मिल सकती हैं.
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