कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव अब बेहद नज़दीक हैं. इस चुनाव में कांग्रेस ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के साथ ही गठबंधन किया है. लेकिन अब गठबंधन के इन दोनों दलों के लिए चुनौती बढ़ सकती है. फुरफुरा शरीफ के चीफ अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट ने एलान किया है कि अगर उनकी पार्टी को गठबंधन में शामिल नहीं किया जाता तो हम 60-80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
कांग्रेस और सीपीएम गठबंधन ने 230 सीटों पर बनाई रणनीति
294 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस और सीपीएम गठबंधन ने 230 सीटों पर अपनी रणनीति बना ली है. इस बीच कांग्रेस के नेता अब्दुल मन्नान ने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर अब्बास सिद्दीकी को भी गठबंधन में शामिल करने की बात कही है. बताया जा रहा है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर लेफ्ट पार्टियों ने जो 33 सीटों पर जीत दर्ज की थी, उसी सीटों पर इस बार भी लेफ्ट के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेंगे.
अब्बास सिद्दीकी से बैठक कर चुके हैं ओवैसी
हालांकि अभी तीनों पार्टियों के बीच बातचीत चलती रहेगी. लेकिन अगर कोई समाधान नहीं निकला तो इंडियन सेक्युलर फ्रंट दो हफ्तों के अंदर सीटों को लेकर कुछ एलान कर सकता है. बड़ी बात यह है कि ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी अब्बास सिद्दीकी से बैठक कर चुके हैं.
बता दें कि इंडियन सेक्युलर फ्रंट की स्थापना बंगाल विधानसभा चुनाव को देखते हुए महज एक महीने पहले ही हुई है. खबरें हैं कि राज्य में चुनाव की तारीखों का एलान 18 या 19 फरवरी को हो सकता है.
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