West Bengal Tram Services: ममता सरकार के लिए जो ट्राम सेवा बनी 'सफेद हाथी', क्या उसे बंद करने का है प्लान? TMC के मंत्री ने दिया यह जवाब
West Bengal Tram Services: अफसरों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में साल 2011 में हर रोज ट्राम से 70,000 लोग सफर करते थे, जबकि मौजूदा समय में में सिर्फ 5,000-7,000 यात्री ट्राम से यात्रा करते हैं.
West Bengal Tram Services: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार के लिए ट्राम सेवा फिलहाल किसी सफेद हाथी से कम नहीं है. यह बात न सिर्फ राज्य के परिवहन विभाग के अफसरों की ओर से कबूली गई है बल्कि यह भी बताया गया है कि उसे लेकर आगे टीएमसी सरकार का क्या कुछ प्लान है. न्यूज एजेंसी 'पीटीआई' से बातचीत के दौरान ट्रांसपोर्ट विभाग के सीनियर अफसर ने बताया कि अगर ट्राम सेवा पश्चिम बंगाल सरकार के लिए ‘सफेद हाथी’ बन भी गई है तो इसे तत्काल बंद करने का कोई प्लान नहीं है. अधिकारी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है, जब मीडिया में कोलकाता में ट्राम सेवा बंद किए जाने से जुड़ी खबरें आई थीं.
नाम न बताने की शर्त पर एक अफसर ने मंगलवार (एक अक्टूबर, 2024) को बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस (पीसी) के दौरान सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने अनौपचारिक रूप से इस मामले को उठाया था. चूंकि, यह मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए अभी तक कोई नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया है, जो मीडिया के एक वर्ग की ओर से किए जा रहे दावों के विपरीत है. अधिकारी के अनुसार, "कोलकाता में तीन मार्गों पर ट्राम सेवाएं जारी हैं और इन सेवाओं को तत्काल बंद करने की हमारी कोई योजना नहीं है. मौजूदा समय में 12 किमी के रास्ते पर केवल 27 ट्राम गाड़ियां संचालित हो रही हैं, जबकि 2011 में 61 किमी के मार्ग पर लगभग 100 ट्राम गाड़ियां का परिचालन हो रहा था."
परिवहन अफसर बोले, "एक बार ट्राम गाड़ी खराब हो जाने पर उसके कल-पुर्जे उपलब्ध न होने के कारण हम उसे ठीक नहीं कर सकते, इसलिए इनकी संख्या में कमी आई है. ट्राम गाड़ियां ‘सफेद हाथी’ बनती जा रही हैं, लेकिन हम अभी भी इन सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने के इच्छुक नहीं हैं. हम केवल जमीनी हालात को ध्यान में रखते हुए सेवाओं को तर्कसंगत बनाना चाहते हैं." अधिकारी आगे बोले, "यही कारण है कि राज्य ने हेरिटेज वाहनों को छोड़कर 2018 से ट्राम सेवा में निवेश करना बंद कर दिया है. हेरिटेज वाहनों का पर्यटन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हमारा हेरिटेज उद्देश्यों के लिए ट्राम सेवा को बंद करने का इरादा नहीं है."
दरअसल, सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने इससे पहले (पिछले हफ्ते) कहा था कि मैदान से एस्प्लेनेड तक दो किमी लंबे हेरिटेज खंड को छोड़कर कोलकाता की ज्यादातर सड़कों से राज्य सरकार 151 साल पुरानी ट्राम सेवा बंद करने के पक्ष में है. ऐसा इसलिए क्योंकि धीमी रफ्तार से ट्राम के चलने से यातायात जाम की समस्या पैदा होती है. स्नेहाशीष चक्रवर्ती के बयान के बाद कोलकाता में प्रदर्शन होने लगे थे. वह बोले कि ट्राम चलाने का मुद्दा अब कलकत्ता उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए राज्य सरकार मामले पर सुनवाई के दौरान यह बताएगी कि वह सेवाएं क्यों बंद करना चाहती है.
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