कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के ग्रामीण पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के शीघ्र ठीक होने के लिए उनके पैतृक गांव में तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति की ब्रेन सर्जरी हुई है और वह कोरोना संक्रमित भी हैं. वह मंगलवार को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर बने रहे. स्वास्थ्य बुलेटिन में उनकी हालत गंभीर बताई गई है. किरनाहर के ग्रामीणों ने कोलकाता से करीब 180 किलोमीटर दूर मंगलवार को मुखर्जी के पैतृक स्थान मिराती में स्थित जपेश्वर शिव मंदिर में महामृत्युंजय यज्ञ शुरू किया.


तीन दिनों तक चलेगा धार्मिक अनुष्ठान


गांव के पुजारियों द्वारा अगले तीन दिनों तक धार्मिक अनुष्ठान जारी रहेगा. ऐसी मान्यता है कि यह मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. एक मोक्ष मंत्र होने के नाते, महामृत्युंजय मंत्र दीर्घायु और अमरता प्रदान करता है.


प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक, जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं- सैन्य अस्पताल

सेना के रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) अस्पताल ने मंगलवार को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है उनकी हालत में कोई सुधार नजर नहीं आया है.उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है.

कोरोना वायरस से भी संक्रमित हैं प्रणब मुखर्जी


बता दें प्रणब मुखर्जी के सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. उन्हें सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल (आरआर) अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 84 वर्षीय प्रणब मुखर्जी ने ट्वीट कर खुद कहा था,‘‘अन्य कारणों से अस्पताल गया था, जहां पर कोविड-19 जांच में संक्रमित होने की पुष्टि हुई.’’


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वर्ष 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे मुखर्जी ने ट्वीट में कहा था, ‘‘मैं अनुरोध करता हूं कि जो लोग भी गत एक हफ्ते में मेरे संपर्क में आए हैं, वे खुद पृथक-वास में चले जाएं और अपनी कोविड-19 की जांच कराएं.’’


हर साल स्थानीय पूर्व राष्ट्रपति, दुर्गा पूजा के दौरान अपने पैतृक घर का दौरा करते हैं.


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