The Kerala Story: 'द केरला स्टोरी' को लेकर ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब, फिल्म पर क्या कुछ किया दावा?
West Bengal Govt To Supreme Court: पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म द केरला स्टोरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दायर किया है.
West Bengal Govt On The Kerala Story: पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार (16 मई) को सुप्रीम कोर्ट में फिल्म 'द केरला स्टोरी' को बैन करने के अपने फैसले से संबंधित जवाबी हलफनामा दायर कर दिया. इसमें दावा किया गया है कि फिल्म हेरफेर किए गए तथ्यों पर आधारित है और इसमें 'हेट स्पीच' का इस्तेमाल किया गया है. ममता सरकार ने दावा किया है कि इस फिल्म से राज्य में सांप्रदायिक तनाव और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है.
नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने बात कहने वाले अपने फैसले का बचाव करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने जवाबी हलफनामे में कहा कि फिल्म के दिखाए जाने पर कट्टरपंथी समूहों के बीच झड़प होने की संभावना है. राज्य सरकार ने कहा कि उसे इस बारे में खुफिया जानकारियां मिली हैं कि फिल्म के प्रदर्शन से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है.
फिल्म मेकर्स की याचिका पर SC ने ममता सरकार से मांगा था जवाब
फिल्म 'द केरला स्टोरी' केरल की महिलाओं के एक समूह के बारे में है जो आईएसआईएस में शामिल की जाती हैं. फिल्म 5 मई को रिलीज हुई थी. फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई थी. केरल सरकार और कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यह एक प्रोपेगेंडा फिल्म है जो दक्षिणपंथी संगठनों के फर्जी नैरेटिव और एक एजेंडे को बढ़ावा देती हैं. इससे पहले फिल्म पर बैन के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि फिल्म देश के बाकी हिस्सों में रिलीज हो चुकी है और पश्चिम बंगाल अलग नहीं है. बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार के बैन के फैसले को फिल्म के मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. फिल्म के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह और निर्देशक सुदीप्तो सेन हैं.
याचिकाकर्ता ने पश्चिम बंगाल के इस कानून को भी दी है चुनौती
याचिकाकर्ता ने पश्चिम बंगाल सिनेमा (रेगुलेशन) एक्ट 1954 की धारा 6 (1) की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है, जिसके तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म पर बैन लगाया है. सुप्रीम कोर्ट अब बुधवार (17 मई) को मामले पर सुनवाई करेगा. राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि याचिका अस्पष्ट-गलत है और जारी रखने योग्य नहीं हैं. इससे पहले तमिलनाडु सरकार याचिकाकर्ता के बैन लगाने वाले आरोपों का खंडन करते हुए शीर्ष अदालत में जवाब दाखिल कर चुकी है.
5 मई को केरल हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से मना कर दिया था. 4 मई को मद्रास हाई कोर्ट ने फिल्म पर बैन की मांग करने वाले जनहित याचिका को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म की रिलीज में हस्तक्षेप करने या जल्द कोई आदेश पारित करने से मना कर दिया था.