Potato Supply: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार (28 नवंबर, 2024) से धनबाद और झारखंड के अन्य जिलों में आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है. जिला मुख्यालय से करीब 48 किलोमीटर दूर बंगाल-झारखंड सीमा पर स्थित देबुडीह चेक पोस्ट पर तैनात बंगाल पुलिस के अधिकारियों ने आसनसोल से धनबाद की ओर जाने वाले सभी आलू से लदे ट्रकों को वापस भेज दिया.
थोक और खुदरा मंडी में आलू के दाम में हो रहे बेहिसाब इज़ाफे को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त कदम उठाए हैं. कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ममता बनर्जी के आदेश पर एक बार फिर से राज्य से आलू को बाहर जाने पर रोक लगा दी है. गुरुवार देर रात से ही प. बंगाल राज्य के आलू गोदामों से आलू लाद कर अन्य राज्यों को जा रहे ट्रकों को पुलिस प्रशासन ने कुल्टी थाना के डुबूडीह चेक नाका पोस्ट पर रोका और फिर से राज्य की गोदामों में वापस भेज दिया.
एक दर्जन से ज्यादा ट्रकों को पार नहीं करने दिया बॉर्डर
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश दिया है कि राज्य से कोई भी आलू का ट्रक बाहर न जाए, जिसके बाद से ही बंगाल-झारखंड सीमा पर पुलिस जांच अभियान चलाकर आलू के ट्रकों को वापस भेजा जा रहा है. एक दर्जनों से अधिक ट्रक को वापस भेजा जा चुका है तो कुछ बॉर्डर पर ही खड़े हैं.
अधिकारियों ने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि प्रतिबंध का उद्देश्य पश्चिम बंगाल में आलू की बढ़ती कीमत को नियंत्रित करना है. पश्चिम बंगाल में आलू 25 रुपये प्रति किलो बिकता है, जबकि धनबाद के खुले बाजार में इसकी कीमत 30 से 35 रुपये प्रति किलो है.
धनबाद के आलू व्यापारियों की अगर मानें तो कतरास, झरिया, धनबाद सदर, गोविंदपुर और निरसा जैसे इलाकों सहित जिले में रोजाना करीब 38 से 40 ट्रक आलू की आपूर्ति होती है. इसमें से अधिकांश आपूर्ति बंगाल के विभिन्न जिलों से होती है.
ट्रक चालकों में बना हुआ है ये डर
वहीं ट्रक चालकों ने बताया कि अचानक प्रशासन ने ट्रक को रोककर बताया कि आलू अब बाहर नहीं ले जाया जा सकता है. आप लोग जिस गोदाम से आलू को लोड किया है वहीं चले जाइए. ऐसे में हम लोग क्या करें कच्चे माल का खराब होने का डर बना हुआ है.
(उत्तम वत्स के इनपुट के साथ)
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