कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि वह देश को बांटने की इजाजत नहीं देंगी और वह लोगों के लिए काम करती रहेंगी और उनके लिए ही जियेंगी और मरेंगी. कोलकाता के बाबूघाट इलाके में गंगासागर तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम शिविर का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महान नेता सभी लोगों के साथ एक जैसा व्यवहार करते हैं. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद से ही देश ने कई समस्याओं का सामना किया लेकिन देश का बंटवारा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं देश को तोड़ने और बांटने की इजाजत नहीं दूंगी. मैं लोगों के लिए जियूंगी, उनके लिए काम करूंगी और यहां तक कि आम लोगों के लिए ही मरूंगी.’’ स्वामी विवेकानंद की जयंती की पूर्व संध्या पर बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कहा था कि भारत में किसान, मोची और दलित समेत सभी वर्गों के नेता होंगे.
भाजपा की वजह से देश खाद्य संकट की ओर बढ़ रहा है : ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन के संबंध में भाजपा के ‘अड़ियल’ रवैये की वजह से देश खाद्य संकट एवं सूखे की ओर बढ़ रहा है. ममता ने कहा कि दूसरे राजनीतिक दलों के ‘बेकार’ नेताओं को शामिल करके भाजपा ‘कबाड़’ पार्टी बन रही है.
उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के प्रति विरोध जताया और नदिया जिले की मतुआ आबादी का हवाला देते हुए कहा कि सभी शरणार्थियों को भूमि का अधिकार दिया जाएगा और कोई उन्हें देश से बाहर नहीं कर सकता. जिले में इस समुदाय की आबादी करीब 40 फीसदी है.
उन्होंने कहा, ‘‘देश खाद्य संकट की ओर बढ़ रहा है. अगर भाजपा कृषि कानूनों पर अड़ी रही तो हमारे देश में खाद्यान्न की कमी आ जाएगी. केंद्र इन कानूनों के जरिए देश में सूखे की स्थिति पैदा करने का प्रयास कर रही है. किसान हमारे देश की पूंजी हैं और हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जो उनके हितों के विरुद्ध हो.’’
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