कोलकाता: पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा समाप्त होते ही टीएमसी उपचुनाव की तैयारी में जुट गयी है. रविवार को कूच बिहार के दिनहाटा में टीएमसी मंत्री और ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले फिरहाद हकीम चुनाव प्रचार करने पहुंचे. फिरहाद हाकिम ने एक जनसभा में पीएम मोदी पर बोलते समय मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार कर दी. हाकिम ने न केवल प्रधानमंत्री मोदी बल्कि अमित शाह पर भी साधा निशाना. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तैनाती कर स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा करना चाहती है.


हाकिम ने कहा, "क्या आप अभी के लिए उनकी रणनीति जानते हैं? बीएसएफ के माध्यम से आप लोगों पर अधिकार जताने के लिए. या फिर वे नहीं कर सकते. इसलिए गब्बर सिंह की तरह वह कह रहा है, अब हम बीएसएफ की मदद से कूचबिहार पर शासन करेंगे. अगर कोई बच्चा 50 किलोमीटर दूर रोता है, तो उनकी मां कहती हैं, बच्चा सो जाओ वरना मोदी आ जाएंगे. 50 किलोमीटर तक उन्होंने बीएसएफ को तैनात किया है. बीएसएफ आकर ग्रामीणों को बाधा पहुंचाएगी. बीएसएफ 50 किलोमीटर आएगी और उसके बाद हमारे गांव, हमारे कस्बे की निगरानी करेगी. वे चोर हैं," हाकिम ने कहा.


इसके अलावा, उन्होंने फिल्म शोले के गब्बर सिंह से प्रधान मंत्री मोदी की तुलना की. उन्होंने कहा,गब्बर सिंह भी कुछ ऐसा ही सोचते थे. "50 किलोमीटर की दूरी", अब मोदी वही कह रहे हैं "50 किलोमीटर की दूरी पर बीजेपी बीएसएफ तैनात करेगी और मां अपने बच्चे से कहेगी, सो जाओ वरना नरेंद्र मोदी आ जाएंगे." लेकिन वे नहीं जानते कि ममता बनर्जी ठाकुर हैं तो वीरू और जय यहां बैठे हैं. वे नहीं जानते कि हम ममता बनर्जी के सिपाही हैं. 


इसका जवाब देते हुए भाजपा नेता दीप्तिमान सेनगुप्ता ने कहा की "इसका दो मतलब हो सकता हैं, पहला मौज-मस्ती से और अगर यह "शोले" फिल्म की है, तो ठाकुर ने अपने दोनों हाथ काट दिए थे और जिन लोगों को ठाकुर ने लिया था, वे सभी चोर थे या शामिल थे. अब विषय पर आते हैं और विषय यह है कि यदि मंत्री होने के नाते वह ऐसा कहते हैं तो योगदान के दायरे में आते हैं और यदि एक राजनीतिक नेता होने के नाते वह ऐसा कहते हैं तो राजनीति में उन्हें पूरा अधिकार है ऐसा कहने के लिए, लेकिन एक बात है जो सोचता है कि अभी कुछ दिन पहले, उसी सीमा से 4 से 5 किमी के भीतर, अपनी पार्टी के समर्थन में, उन्होंने अपनी जान गंवा दी."


दिनहाटा में 30 अक्टूबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा. दिनहाटा के अलावा बंगाल के शांतिपुर, खरदाहा और गोसाबा में भी 30 अक्टूबर को मतदान होगा.


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