पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा फैल गई. इस दौरान गुस्साई भीड़ ने करीब एक दर्जन घरों को आग लगी दी, जिसमें 8 लोगों की जलकर मौत हो गई. मरने वालों में एक दंपति भी शामिल है. लिली खातून और काजी साजीदुर की सिर्फ दो महीने पहले ही बड़े धूमधाम से शादी हुई थी. सोमवार की रात को लिली खातून अपने पति के साथ मायके आई हुई थी. सभी घर में सोए हुए थे, इस दौरान रात को जो नरसंहार हुआ, उसमें यह नवविवाहित दंपति मारा गया. 


लिली खातून के चाचा शाहिद आलम शेख ने बताया, "दो महीने पहले शादी हुई थी, जिस दिन घटना हुई, उसी दिन शाम को बेटी-दामाद यहां आए थे." उन्होंने कहा, "भीड़ यहां पर आई और तोड़-फोड़ शुरू कर की, बम की फोड़ा गया. हम लोग घर के अंदर थे लेकिन कांच टूटने की आवाज आ रही थी. जब उन्हें कोई नहीं मिला और वो किसी का कुछ बिगाड़ नहीं पाए, तब उन्होंने आग लगाने की बात की और फिर सारे घरों में आग लगा दी. बेटी-दामाद भी घर में थे."


आप क्या ये जगह छोड़ कर जा रहे हैं, इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, "हां, अगर सब बिक गया तो चले जाएंगे. गांव के लोग पलायन कर रहे हैं, ये देख कर हमें भी डर लग रहा है. हम ऐसे ही डरे हुए हैं. पुलिस को देखकर और ज्यादा डर लग रहा है."


वहीं, दूसरी ओर नए नवेले दूल्हे काजी साजीदुर के घर में भी कोहराम मचा हुआ है. घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. साजीदुर अपने माता-पिता का इकलौता कमाने वाला बेटा था. बड़े अरमान से उसकी शादी की थी लेकिन दरिंदों ने उसे मार डाला. उसकी मां नूर नेहर बीबी ने बताया, "जिन लोगों ने हमारे निर्दोष बेटे को मारा है, हम उनके खिलाफ जांच चाहते हैं."


उन्होंने कहा, "मेरे बेटे ने तो कोई गलती नहीं की थी, दो दिन के लिए अपने ससुराल घूमने गया था, जिन्होंने ने भी मेरे निर्दोष बेटे को जलाकर मार दिया, उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए. हम चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी सजा मिले. हम गरीब मां-बाप हैं, हमारा बेटा ही हमारी देखरेख करता था, अब हम क्या करेंगे."


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