बंगाल में अपराध में कम, राजनीति कारणों से बार बार आ रही महिला आयोग की टीम- मंत्री
बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री पांजा ने दावा किया कि बंगाल में 2014 से 2020 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में 21 प्रतिशत तक की कमी आई है जबकि उत्तर प्रदेश में 56 प्रतिशत वृद्धि हुई है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मंत्री शशि पांजा ने बुधवार को आरोप लगाया कि कि क्योंकि राज्य में टीएमसी की सरकार है, इसलिये महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में प्रदेश का रिकॉर्ड बेहतर होने के बावजूद राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रतिनिधि बार-बार यहां आ रहे हैं.
तृणमूल भवन में बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री पांजा ने दावा किया कि बंगाल में 2014 से 2020 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में 21 प्रतिशत तक की कमी आई है जबकि उत्तर प्रदेश में 56 प्रतिशत वृद्धि हुई है.
उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए कहा, 'असम में प्रति एक लाख महिलाओं में से 178 के खिलाफ अपराध होते हैं. राजस्थान में प्रति एक लाख में से 110 और हरियाणा में 108 महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं जबकि पश्चिम बंगाल में यह संख्या 64 है.'
उन्होंने कहा, 'इसके बावजूद राष्ट्रीय महिला आयोग का प्रतिनिधिमंडल इन राज्यों में नहीं जाता. यह केवल बंगाल का दौरा करता है. कारण साफ है. ऐसा राजनीतिक वजहों से किया जाता है.' हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा कोलकाता आईं थी और उन्होंने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध काफी बढ़ रहे हैं.