West Bengal: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Ananda Bose) ने रविवार (19 फरवरी) को प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती (Nandini Chakraborty) को पद से हटाया दिया जिस पर तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) नाखुश दिखी है. पार्टी ने राज्यपाल के इस फैसले को एकतरफा बताया है. वहीं, अब नंदिनी चक्रवर्ती को वापस पर्यटन विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है. 



राज्यपाल कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, आनंद बोस सेंट जेवियर्स कॉलेज के दीक्षांत समारोह में दिए गए भाषण को लेकर नंदिनी से नाराज थे. भाषण नंदिनी द्वारा लिखा गया था जो ममता बनर्जी की तारीफ से भरा हुआ था जिस कारण बीजेपी की आलोचना का कारण बना. 


आइये पढ़ते हैं कौन हैं नंदिनी चक्रवर्ती जिसके चलते सरकार और राजभवन के बीच तनाव की स्थिति और बढ़ गई है?


नंदिनी चक्रवर्ती जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हैं. 1994 बैच की आईएएस अधिकारी भी रही हैं. साल 2011 में ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के दौरान नंदिनी चक्रवर्ती औद्योगिक विकास निगम की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हुआ करती थीं. इसी वक्त पश्चिम बंगाल कैडर के 1990 बैच के अधिकारी सुब्रत गुप्ता डब्लूआईडीसी के प्रबंध निदेश थे जिन्हें बाद में दिल्ली भेज दिया गया था. सुब्रत गुप्ता के दिल्ली जाने के बाद नंदिनी ने निगम का कार्यभार संभाला. नंदिनी ने इस दौरान सूचना और संस्कृति विभाग के सचिव के रूप में सेवा दी. 


वहीं, मीडिया हाउस को भुगतान के मामला सामने आने के बाद नंदिनी को कम महत्वपूर्ण पद पर स्थानांतरित किया गया. हालांकि, उन्होंने धीरे-धीरे सीएम ममता बनर्जी का विश्वास हासिल किया और उन्हें सुंदरबन मामलों का सचिव बना दिया गया. पूर्व राज्यपाल जगदीव धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने के बाद मणिपुर के तत्तकालीन राज्यपाल ला गणेशन को कार्यवाहक राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया था. नंदिनी चक्रवर्ती राज्यपाल की प्रमुख सचिव बनीं. 


यह भी पढ़ें.


Election Survey: नीतीश कुमार ने कांग्रेस को क्यों दी सलाह? क्या बिहार के सीएम ने देख लिया ये वाला सर्वे