मानवता शर्मसार! मुफ्त एंबुलेंस के लिए मांगे 8 हजार, पिता के पास नहीं थे पैसे तो झोले में डालकर 200 किमी ले गया मासूम की लाश
West Bengal News: एंबुलेंस के ड्राइवर ने एक पिता से 5 साल के बेटे के शव को 200 किलोमीटर दूर ले जाने के लिए.... पढ़ें.
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West Bengal: पश्चिम बंगाल से मानवीय संवेदनाओं के नाम पर खामोशी और शासन की नाकामी की एक खबर सामने आई है. एक मजबूर बाप का दावा है कि उसे 200 किलोमीटर तक एक बस में अपने 5 महीने के बच्चे के शव को बैग में रखकर सफर करना पड़ा. मामला पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र का है जहां एंबुलेंस के ड्राइवर ने एक पिता से 8000 रुपए की डिमांड की.
मांग पूरी न होने पर उसने सिलिगुड़ी से उसे कलियागंज ले जाने से मना कर दिया. पश्चिम बंगाल के नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार की इस मामले को लेकर कड़ी आलोचना की है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार की स्वास्थ्य साथी स्वास्थ्य बीमा योजना पर भी सवाल उठाए हैं. वहीं टीएमसी का कहना है कि बच्चे की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर बीजेपी राजनीति कर रही है.
एंबुलेंस ड्राइवर ने मुझसे बच्चे की बॉडी को...
आशिम देवशर्मा नाम के शख्स का दावा है कि नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में मेरे पांच साल के बच्चे का 6 दिन से इलाज चल रहा था. उसके इलाज पर मैंने 16000 रुपए खर्च किए. पिछली रात उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. एंबुलेंस ड्राइवर ने मुझसे बच्चे की बॉडी को कलियागंज ले जाने के लिए 8 हजार रुपए की डिमांग की. मेरे पास पैसे नहीं थे जिसकी वजह से मुझे एक बैग में बच्चे को शव को रखकर करीब 200 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. उसने इस बारे में बस में किसी को नहीं बताया, क्योंकि उसे डर था कि अगर किसी को ये पता लग गया कि बैग में बच्चे का शव है तो उसे बस से उतार दिया जाएगा.
This is Ashim Debsharma; father of a 5 month old infant who died in a Medical College in Siliguri.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) May 14, 2023
He was being charged Rs. 8000/- to transport the dead body of his child. Unfortunately after spending Rs. 16,000/- in the past few days during the treatment, he couldn't pay the… pic.twitter.com/G3migdQww8
ये दुर्भाग्यपूर्ण मौत एडवांस बांग्ला की... - बीजेपी
पिता का दावा है कि सरकार की 102 स्कीम के तरह आने वाली एंबुलेंस की सुविधा मरीजों को लाने ले जाने के लिए फ्री है, लेकिन उससे पैसे की डिमांड की गई. मीडिया से बात करते हुए पिता का वीडियो ट्वीट करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा, मैं इसकी गहराई में नहीं जाना चाहता, लेकिन क्या ही स्वास्थ्य साथी योजना से क्या यही हासिल किया है? ये दुर्भाग्यपूर्ण मौत एडवांस बांग्ला की सच्चाई है. वहीं टीएमसी के राज्यसभा सांसद सांतनु सेन ने बीजेपी पर इस मामले में गंदी राजनीति का आरोप लगाया है. इसी तरह का एक मामला जनवरी में जलपाईगुड़ी से भी सामने आया था. जहां एंबुलेंस ड्राइवर की डिमांड पूरी न करने पर एक शख्स को अपने मां को शव को कंधे पर रखकर अस्पताल से घर ले जाना पड़ा. उसका घर करीब 40 किलोमीटर दूर था, हालांकि एक समाजसेवी संस्था की तरफ से कुछ दूर बार उस शख्स को एक वाहन मुहैया करा दिया गया था.
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