पश्चिम बंगाल: कोरोना की महामारी ने देश-दुनिया में विकराल समस्याएं पैदा कर दी हैं. बढ़ते मरीजों की संख्या ने बीमारी से बचाव के उपाय नाकाफी साबित कर दिये  हैं. संकम्रण के फैलाव को रोकने के लिए पीड़ितों का क्वारंटाइन किया जा रहा है. इस बीच पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से चौंकाने वाली खबर आई है.


पेड़ पर रहकर क्वारंटाइन की मजबूरी


पुरुलिया के बलरामपुर इलाके के गांव वाले पेड़ पर 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में चले गए. उनके पास घरों में आइसोलेशेन के लिए अलग से रूम की व्यवस्था नहीं थी. इसलिए उन्हें 14 दिनों तक पेड़ पर रहकर क्वारंटाइन का विकल्प चुनना पड़ा. ये लोग हाल ही में कोरोना फैलने के बाद चेन्नई से वापस लौटे थे. गांववालों की इस हालत में तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिलने लगी.





सोशल मीडिया यूजर ने दी कड़ी प्रतिक्रिया


क्वारंटाइन की बेबसी पर लोग जहां व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला रहे हैं तो कोई बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी तंज कस रहा है. कोई गांववालों को कनिका कपूर जैसे लोगों से ज्यादा बेहतर बता रहा है. सत्यम जायसवाल के ट्वीटर यूजर ने लिखा, "आधुनिक समस्या का आधुनिक हल."





वहीं एक अन्य ट्वीटर यूजर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर शेयर करते हुए उन पर तंज कसा है.





जबकि दूसरे यूजर ने कनिका कपूर जैसे लोगों से गांववालों को ज्यादा महान बताया.





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