(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
WB Panchayat Chunav: 'वोट डालने जाते समय चली गोलियां, एक बेटे के सीने में...' मृतक की मां ने बताई बंगाल हिंसा की आंखोदेखी
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है. कल यहां चुनाव के दौरान, आगजनी, गोलाबारी और बमबारी की घटनाएं सामने आईं.
आगजनी, गोलाबारी और बमबारी जैसी हिंसात्मक घटनाओं के बीच शनिवार (8 जुलाई, 2023) को पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव संपन्न हो गए. चुनाव के दौरान हुई हिंसात्मक घटनाओं में मरने वालों का आंकड़ा 18 तक पहुंच गया है. मरने वालों में बीजेपी, टीएमसी और सीपीएम के कार्यकर्ता शामिल हैं. राज्य की 63 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों पर 60 हजार से अधिक केंद्रीय जवान तैनात किए गए थे, बावजूद इसके आगजनी, हिंसा, गोलाबारी और बमबारी जैसी घटनाओं ने राज्य में अशांति का माहौल पैद कर दिया.
मां के सामने बेटे को लगी गोली
हिंदु्स्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कूच बिहार में हिंसा में जान गंवाने वालों में 64 साल की दुलाजी कारजी का बेटा चिरंजीत भी शामिल है. उन्होंने बताया कि वह वोट ड़ालने के लिए पोलिंग बूथ की ओर जा रही थीं तभी कुछ लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि गोली चलाने वालों के चहेरे ढ़के हुए थे और उन्होंने बिना किसी बात के ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इसी फायरिंग में एक गोली उनके बेटे के सीने में लग गई. चिरंजीत को तुंरत अस्पताल भी ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. चिरंजीत भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता था.
सुरक्षाबलों के सामने चली गोलियां
पंचायत चुनाव में हिंसा की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आई हैं, वे बेहद परेशान करने वाली हैं क्योंकि उनमें कुछ लोग खुलेआम फायरिंग करते दिख रहे हैं. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि इतनी फोर्स तैनात होने के बावजूद इतने बडे़ स्तर पर बूथों पर पैलेट पेपर लूटे गए, गोलाबीर हुई, खुलेआम चाकूबाजी से लेकर गोलीबारी और बमबारी जैसी घटनएं हुईं.
राज्यपाल ने की हिंसा की निंदा
राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने भी हिंसात्मक घटनाओं की निंदा की और स्थिति को लेकर चिंता जताई. कल उन्होंने उत्तर और दक्षिण परगना के विभिन्न जिलों के दौरे के बाद कहा, "मैंने जमीन पर जो देखा वह बहुत परेशान करने वाला है. हिंसा, हत्याओं और डर का माहौल है. एक बात जिस पर मैंने गौर किया कि गरीब ही मारे जा रहे हैं. नेता वहां नहीं हैं। तो, उन्हें कौन चला रहा है? उन्हें गरीबों को मारने की कोशिश करने के बजाय गरीबी को खत्म करना चाहिए. यह बहुत बहुत चिंताजनक है. बंगाल न ऐसा चाहता है और न ही ऐसा होना चाहिए. यह बहुत परेशान करने वाली बात है कि समाज में शांति के अभाव का असर नई पीढ़ी पर पड़ेगा." उन्होंने आगे कहा कि राज्य में किसी भी कीमत पर शांति स्थापित करनी चाहिए.
इन जिलों में हुई थी हिंसा
पश्चिम बंगाल के जिन जिलों में सबसे ज्यादा हिंसात्मक घटनाएं सामने आई हैं, उनमें मुर्शीदाबाद, कूच बिहार, नदिया, मालदा, पूर्वी बर्दवान और दक्षिण 24 परगना शामिल हैं.
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