West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के पहले जारी हिंसा पर राजनीति गर्म है. एक दिन पहले शनिवार (17 जून) को कूच बिहार में एक शख्स की हत्या हुई थी. युवक के शरीर पर चाकू के हमले के निशान मिले हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं, हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है. बीजेपी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है
बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि मुख्यमंत्री एक बात बोल रहे हैं और सौगत राय दूसरी बात बोल रहे हैं. इसका मतलब है कि उनके डेटा में गड़बड़ी है. सौगत राय ने एएनआई से बातचीत में राज्य में तीन टीएमसी नेताओं की हत्या होने की बात कही थी. इसी बात पर सवाल उठाते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा कि राज्य सरकार के डेटा के ही आधार पर चुनाव आयोग कह रहा है कि कोई हिंसा नहीं हुई है और एक भी आदमी की मौत नहीं हुई है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग का कहा नालायक
हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने नामांकन के दौरान हिंसाग्रस्त जगहों का दौरा किया था. इसका स्वागत करते हुए सुकांत मजूमदार ने कहा, पूरे राज्य में हिंसा की घटना घट रही है. चुनाव आयोग नालायक है, चुपचाप बैठा है, राज्य सरकार चुप बैठी है. ऐसे में कोई तो चाहिए तो राज्य के लोगों को बचाने के लिए आगे आए. महामहिम ये काम कर रहे हैं, हम उनका स्वागत करते हैं.
वहीं, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पश्चिम बंगाल में हिंसा पर कहा, न सिर्फ बीजेपी नेताओं पर हमले हो रहे हैं, बल्कि पश्चिम बंगाल की जनता की आवाज भी नहीं सुनी जा रही है. वहां कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल में अराजक स्थिति पैदा की जा रही है और वे देश और दुनिया को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं.
राज्यपाल की सक्रियता पर टीएमसी ने उठाए सवाल
राज्य में सत्ताधारी टीएमसी ने राज्यपाल की सक्रियता पर सवाल उठाए हैं. टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा, टीएमसी के 3 लोग मारे गए हैं. कानून और व्यवस्था राज्य सरकार के अधीन है. चुनावी हिंसा को देखना राज्य चुनाव आयुक्त का काम है. ये राज्यपाल का काम नहीं है. चुनावों की घोषणा के बाद राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं होती है.
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