West Bengal Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल में जल्द ही पंचायत चुनाव होने हैं. इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सोमवार (19 जून) को राज्य बीजेपी अध्यक्ष के नेतृत्व में चुनाव के उम्मीदवारों ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात कर नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हिंसा होने का दावा किया है. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से 8 जुलाई को चुनाव के दिन सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की है. वहीं, दूसरी तरफ टीएमसी ने खुद के बचाव में इसे छवि खराब करने के लिए बीजेपी की तरफ से रचा गया 'नाटक' करार दिया है और राजभवन की मिलीभगत का आरोप लगाया है. 


बीजेपी का आरोप 


बीजेपी का दावा है कि 8 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने को लेकर व्यापक हिंसा के बीच राज्य के कई हिस्सों में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार इस शिकायत को लेकर राजभवन पहुंचे और आरोप लगाया कि नामांकन दाखिल करने के दिन से ही उन्हें धमकियां मिल रही हैं. 


टीएमसी का आरोप 


वहीं, इस पूरे मामले में टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष का भी बयान सामने आया था. उन्होंने कहा, "राज्यपाल को निष्पक्ष व्यवहार करना चाहिए. क्या राज्यपाल ने विपक्षी दलों के गुंडों की तरफ से मारे गए टीएमसी कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों से मिलने के बारे में सोचा है? बीजेपी राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रही है और राज्यपाल उनकी कोशिशों में मदद कर रहे हैं.


सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला


चुनाव से पहले कथित हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. इस मामले को लेकर 20 जून को सुनवाई होगी. राज्य चुनाव आयोग और ममता बनर्जी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर याचिकाएं दायर की गई हैं. दोनों ही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुनवाई होगी. 


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