Bengal Panchayat Election: बदल सकते हैं बंगाल पंचायत चुनाव के नतीजे! HC ने राज्य चुनाव आयोग को दिया निर्देश, लगाई फटकार
Bengal Panchayat Polls: हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में राज्य में चुनाव के दौरान हिंसा और धांधली का आरोप लगाया गया है और 50,000 मतदान केंद्रों पर रीपोलिंग की मांग की है.

West Bengal Panchayat Election 2023: कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार, 12 जुलाई को कहा कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के नतीजे अदालत के अंतिम आदेश पर निर्भर करेंगे. हाई कोर्ट ने चुनाव में धांधली लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग (SEC), राज्य सरकार और केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा, चुनाव प्रक्रिया और इसके परिणामों की घोषणा रिट याचिका में पारित हो सकने वाले आदेशों पर निर्भर करेगी. साथ ही अदालत ने राज्य चुनाव आयोग को इस बारे में सभी उम्मीदवारों को सूचना देने को कहा है, जिन्हें विजेता घोषित किया गया है.
दोबारा मतदान को लेकर याचिकाओं पर सुनवाई
राज्य में 8 जुलाई को हुए पंचायत चुनावों को लेकर हाई कोर्ट में कई याचिका दायर की गई हैं. इन याचिकाओं में चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा और धांधली का आरोप लगाते हुए करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इसके पहले राज्य चुनाव आयोग ने 696 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराया और 11 जुलाई को मतगणना हुई थी.
सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने मतदान के दिन कथित धांधली के सबूत के तौर पर एक वीडियो दिखाया था. अदालत ने याचिकाकर्ता को वीडियो की प्रति राज्य चुनाव आयोग, राज्य सरकार और केंद्र के वकीलों को बुधवार तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट ने 19 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख सुनिश्चित की है.
राज्य चुनाव आयोग के रवैये से हाई कोर्ट नाराज
सुनवाई कर रही पीठ ने राज्य चुनाव आयोग के प्रति नाराजगी जताई और कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आयोग का जवाब पर्याप्त नहीं है और बुधवार को भी इसका कोई अधिकारी अपने वकीलों को आवश्यक निर्देश देने के लिए अदालत में उपस्थित नहीं था.
अदालत ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग क्यों पहले से सक्रिय नहीं है, खासतौर पर तब, जब अदालत पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रही है और 13 जून को पहला फैसला सुनाया गया था.’’ अदालत ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए सिलसिलेवार दिशानिर्देश जारी किये थे. पीठ ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद भी राज्य हिंसा की रोकथाम नहीं कर पा रहा है. अदालत ने कहा, ‘‘यदि राज्य सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा करने की स्थिति में नहीं है तो यह एक बहुत गंभीर विषय है.’
पीटीआई इनपुट के आधार पर
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