West Bengal Panchayat Election Results: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं, अगले कुछ ही घंटों में ये साफ हो जाएगा कि इस चुनाव में कौन किससे आगे है. लोकसभा चुनाव से राज्य में होने वाले इस पंचायत चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है, यही वजह है कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के खिलाफ बीजेपी समेत कई दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा. पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की खबरें भी खूब सुर्खियों में रहीं, जिसमें कई लोगों की मौत भी हो गई. आइए जानते हैं पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव की 10 बड़ी बातें...



  1. पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार 8 जुलाई को 61,000 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था, जिसमें 80.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इस दौरान जमकर बवाल भी देखने को मिला. 

  2. पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान कई जगहों पर जमकर हिंसा हुई. लोगों ने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर जमकर बवाल किया और बैलेट बॉक्स लूट लिए गए. कुछ लोगों ने उनमें आग लगा दी और उन्हें तालाबों में फेंक दिया गया. हिंसा में 20 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है.

  3. हिंसा के चलते पश्चिम बंगाल के 19 जिलों के 696 मतदान केंद्रों पर पंचायत चुनाव के तहत मतदान रद्द घोषित कर दिया गया था. इन तमाम मतदान केंद्रों पर सोमवार 10 जुलाई को फिर से वोटिंग कराई गई. बताया कि इस दौरान कहीं से भी किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली.

  4. दोबारा वोटिंग के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और हर मतदान केंद्र पर राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय बल के चार जवान तैनात किए गए. अधिकारियों ने बताया कि बैलेट बॉक्स के समय पर नहीं पहुंचने के कारण कुछ स्थानों पर मतदान देर से शुरू हुआ.

  5. अधिकारियों ने बताया कि जिन जिलों में दोबारा वोटिंग हुई, उनमें मुर्शिदाबाद में सबसे ज्यादा 175 मतदान केंद्र और उसके बाद मालदा में 109 मतदान केंद्र हैं. नादिया में 89 मतदान केंद्र, कूच बिहार में 53, उत्तर 24 परगना में 46, उत्तर दिनाजपुर में 42, दक्षिण 24 परगना में 36, पूर्व मेदिनीपुर में 31 और हुगली में 29 मतदान केंद्रों पर फिर से वोट डाले गए. 

  6. पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने शाह को हिंसा की जानकारी दी. मुलाकात के बाद राज्यपाल ने कहा कि ये सुबह होने से पहले वाला घना अंधेरा है. 

  7. कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी इस हिंसा को लेकर संज्ञान लिया है, हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिरीक्षक (आईजी) से एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा ममता सरकार को चुनावी हिंसा में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सहायता और घायलों को उचित इलाज देने का भी निर्देश दिया.

  8. बंगाल में हिंसा को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दोबारा वोटिंग की मांग करते हुए एसईसी को 6,000 मतदान केंद्रों की लिस्ट सौंपी है.  उन्होंने दावा किया, ‘‘टीएमसी के इशारे पर 18,000 बूथ पर गलत मतदान हुआ. हम और सबूत इकट्ठा कर रहे हैं. 

  9. वहीं सत्ता पक्ष की तरफ से भी हिंसा को लेकर जवाब दिया गया. टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि चुनाव के दिन हिंसा विपक्षी दलों ने की थी. उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष प्रायोजित हिंसा से सबसे ज्यादा नुकसान टीएमसी को हुआ है. एसईसी की मांग के बावजूद केंद्रीय बल नहीं पहुंचे. टीएमसी नेताओं का दावा है कि हिंसा में मारे गए 60 प्रतिशत से अधिक लोग टीएमसी के हैं.

  10. बीजेपी ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए एक समिति भी तैयार कर ली है. बीजेपी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि उसने पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति के सदस्यों में सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह शामिल हैं.


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