WB Panchayat Elections 2023: कलकत्ता HC की बंगाल के चुनाव आयुक्त को फटकार, '...तो पद छोड़ सकते हैं'
Bengal Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव की निगरानी के लिए जरूरी अर्धसैनिक बलों की संख्या को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को आदेश दिया है.

West Bengal Panchayat Elections 2023: पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के मुद्देनजर बुधवार (21 जून) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक बार फिर राज्य चुनाव आयोग को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. राज्य में 8 जुलाई को एक ही चरण में तीन स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा.
कोर्ट ने कहा कि पंचायत चुनावों के संचालन की निगरानी के लिए 24 घंटे के भीतर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की प्रस्तावित संख्या को बढ़ाया जाए. कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर चुनाव आयुक्त आदेशों को लागू नहीं कर सकते हैं तो वे पद छोड़ सकते हैं.
पंचायत चुनाव की निगरानी के लिए लगाए गए अर्धसैनिक बलों के जवानों की मौजूदा संख्या लगभग 1700 है, जिसे अपर्याप्त मानते हुए कोर्ट ने संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है.
मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्या कुछ कहा?
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनाम और जस्टिस उदय कुमार की बेंच ने यह भी कहा कि पहली नजर ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से बरकरार रखे जाने के बावजूद राज्य चुनाव आयोग ने जानबूझकर पहले के आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, चीफ जस्टिस ने कहा, ''क्या हमें राज्य चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर संदेह करना चाहिए? ऐसा नहीं होना चाहिए. सच कहें तो तो आप शीर्ष अदालत गए हैं, कोर्ट ने निर्देश दिए हैं... न्यायपूर्वक निर्णय स्वीकार करें. जो जरूरी है वो करें, हमें लाइन से आगे नहीं बढ़ना चाहिए… अगर (चुनाव) आयुक्त के लिए आदेश लेना बहुत मुश्किल है तो वह पद छोड़ सकते हैं. महामहिम राज्यपाल किसी और को नियुक्त कर सकते हैं क्योंकि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद है.'' कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को तय की है.
SC ने राज्य सरकार और SEC की याचिका कर दी थी खारिज
बता दें कि मंगलवार (20 जून) को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार और एसईसी की याचिकाओं को खारिज कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि हाई कोर्ट के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव के साथ हिंसा नहीं हो सकती.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 15 जून को राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में 48 घंटे के अंदर केंद्रीय बलों की मांग की जाए और उन्हें तैनात किया जाए.
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