WB Panchayat Elections 2023: 'SEC की नियुक्ति इस भरोसे से की थी कि...', राजीव सिन्हा का ज्वाइनिंग लेटर लौटाने के बाद बोले राज्यपाल
Bengal Panchayat Elections: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य चुनाव आयुक्त का ज्वाइनिंग लेटर राज्य सरकार को लौटाने के अगले दिन प्रतिक्रिया दी. उन्होंने अपने कदम के पीछे का कारण बताया.
CV Ananda Bose On Rajeev Sinha: पश्चिम बंगाल के राज्य निर्वाचन आयुक्त (SEC) राजीव सिन्हा का ज्वाइनिंग लेटर नामंजूर करने के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस इस मामले प्रतिक्रिया दी है. राज्यपाल बोस ने बुधवार (21 जून) की रात एसईसी राजीव सिन्हा का पदभार ग्रहण करने संबंधी पत्र राज्य सरकार को लौटा दिया था.
गुरुवार (22 जून) को राज्यपाल ने मीडिया से कहा, ''मैंने एसईसी की नियुक्ति इस भरोसे के साथ की थी कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से पंचायत चुनाव कराएंगे लेकिन मुझे लगता है कि लोग उनकी स्पष्ट निष्क्रियता से निराश हैं.”
उन्होंने कहा, “इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि हिंसा हुई है.” राज्यपाल ने कहा कि एसईसी को न केवल निष्पक्ष होना चाहिए, बल्कि उसे निष्पक्ष माना भी जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से सिन्हा को हटाने की संभावना से इनकार करने के कुछ मिनट बाद बोस की प्रतिक्रिया आई.
SEC सड़कों पर बहे रक्त की हर बूंद के लिए जवाबदेह- राज्यपाल
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस बात पर जोर दिया कि एसईसी को निष्पक्ष होना चाहिए और आम आदमी के जीवन की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना उसका कर्तव्य है कि वे अपना मत डाल सकें.
उन्होंने कहा, “एसईसी के पास पुलिस और मजिस्ट्रेट को निर्देश देने के अधिकार हैं. बंगाल (एसईसी से) दायित्व निर्वहन की उम्मीद करता है. एसईसी सड़कों पर बहे मानव रक्त की हर बूंद के लिए जवाबदेह हैं. लोग कार्रवाई चाहते हैं, कार्रवाई का बहाना (दिखावा) नहीं.” बंगाल के लोगों के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए बोस ने यह भी कहा कि 'मानव रक्त को लेकर कोई सौदेबाजी नहीं हो सकती है'.
समन भेजे जाने के बाद भी पेश नहीं हुए थे राजीव सिन्हा
पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान हत्याओं, हिंसा और झड़पों पर स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाए जाने के बाद पूर्व आईएएस अधिकारी (राजीव सिन्हा) उनके (सीवी आनंद बोस) सामने पेश नहीं हुए, जिसके कुछ घंटों बाद राज्यपाल ने बुधवार रात को सिन्हा का पद भार संभालने का पत्र राज्य सरकार को लौटा दिया था.