West Bengal Panchayat Elections: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों को लेकर माहौल गरम है. सत्ता में काबिज टीएमसी के अलावा बीजेपी और तमाम दल इस चुनाव के लिए जोर आजमा रहे हैं. पश्चिम बंगाल के पहाड़ी जिले दार्जिलिंग में भी 23 साल बाद पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं. 8 जुलाई को यहां पंचायत चुनाव होंगे. यहां टीएमसी और उसकी सहयोगी भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (BGPM) को हराने के लिए इस बार बीजेपी समेत कुल 8 दलों ने एक साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है. जिसे संयुक्त गोरखा मंच का नाम दिया गया है. जिसके बाद लड़ाई और दिलचस्प हो चुकी है. 


टीएमसी के खिलाफ ये दल आए साथ
दार्जिलिंग पंचायत चुनावों के लिए बने महागठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम), गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट, कम्युनिस्ट पार्टी, हमरो पार्टी, अखिल भारतीय गोरखा लीग, सुमेती मुक्ति मोर्चा और गोरखालैंड राज्य निर्माण पार्टी शामिल हैं. जिन 8 दलों ने एक साथ आने का फैसला किया है, उनमें से ज्यादातर की विचारधारा और राय एक जैसी रही है. हालांकि ये साफ कर दिया गया है कि इस संयुक्त गोरखा मंच को सिर्फ पंचायत चुनाव के लिए बनाया गया है, ये 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जारी नहीं रहेगा.


दार्जिलिंग में 23 साल बाद पंचायत चुनाव
महागठबंधन में शामिल इन दलों का कहना है कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पहाड़ों के विकास के लिए साथ आए हैं. दार्जिलिंग में आखिरी पंचायत चुनाव करीब 23 साल पहले साल 2000 में हुए थे. क्योंकि गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) पार्टी ने 2005 में पंचायत चुनावों के दौरान कहा था कि पंचायत समिति की शक्तियां दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल के साथ ओवरलैप होंगी. जिसके बाद दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाकों में पिछले 23 सालों में पंचायत चुनाव नहीं हुए थे.


8 जुलाई को होगा चुनाव
पूरे पश्चिम बंगाल में तीन स्तरों ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के लिए चुनाव हो रहे हैं. जबकि दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में सिर्फ दो स्तरों के लिए ही चुनाव होंगे. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव आठ जुलाई को होंगे. इसके लिए अब तक 10,000 से ज्यादा नामांकन पत्र दाखिल किए जा चुके हैं. पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि एक दिन बढ़ाकर 16 जून की जा सकती है, चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में ये जानकारी दी है. 


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