West Bengal Governor Vs TMC: पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच गतिरोध बढ़ता दिखाई दे रहा है. इस बार पंचायत चुनाव के ठीक पहले ये लड़ाई ज्यादा बड़ी नजर आ रही है. टीएमसी का आरोप है कि गवर्नर राज्य की सुविधाओं का इस्तेमाल कर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं. 


ममता सरकार ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर नैतिक आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि राज्य से परामर्श किए बिना बीजेपी के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बैठक और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी का आयोजन किया जा रहा है. 


इसके लिए टीएमसी ने राज्य चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने सीधा राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. सौगत रॉय ने कहा, "हम राज्यपाल की भूमिका की निंदा करते हैं. राज्यपाल उन मामलों में दखल देते हैं, जिसमें उन्हें बीच में नहीं आना चाहिए."


टीएमसी के राज्यपाल पर आरोप 


सांसद सौगत राय ने कहा, "कानून व्यवस्था पूरी तरह राज्य सरकार के हाथ में है. राज्यपाल सबसे ऊपर हैं. राज्यपाल जिस ढंग से यूनिवर्सिटी को लेकर हस्तक्षेप कर रहे हैं वो भी गलत है. हम उनकी निंदा करते हैं. पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने भी साफ कह दिया कि कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन हिंसा की तस्वीर जिस तरह से दिखाई जा रही है उस तरह से नहीं है." 


वहीं, पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर डीजी मनोज मालवीय का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है. कुछ घटनाएं हुईं हैं, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है. राय ने कहा कि बीजेपी तब भी चुप रहने वाली नहीं है. उन्हें हर जिम्मेदारी राज्य सरकार को दे देनी. 


टीएमसी पर बीजेपी का पलटवार 


वहीं, बीजेपी नेता प्रियंका टिब्रेवाल ने टीएमसी के इन आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा, "टीएमसी को अब राज्यपाल से बहुत दिक्कत है. जब उन्हें समझ आ गया है कि वह झूठ और सच के बीच अंतर कर सकते हैं तो टीएमसी को यह पसंद नहीं आ रहा है. इसलिए उन्होंने अभिषेक बनर्जी को चोर कहा तो टीएमसी नाराज हो गई."


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