West Bengal Panchayat Elections: पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. पंचायत चुनावों से पहले पूरे प्रदेश में हिंसा की कई खबरें आ रही हैं. इसी बीच अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, जिस पर 20 जून को सुनवाई होगी. राज्य चुनाव आयोग और ममता बनर्जी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में इस हिंसा को लेकर याचिकाएं दायर की गई हैं. दोनों ही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुनवाई होगी.
केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती का आदेश
दरअसल पश्चिम बंगाल में लगातार जारी हिंसा के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए. इसके खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, वहीं राज्य चुनाव आयोग भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया.
टीएमसी और बीजेपी के आरोप
कलकत्ता हाई कोर्ट की तरफ से केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश जारी होने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने इसका विरोध किया. टीएमसी नेताओं ने कहा कि केंद्रीय बलों के जरिए हमें प्रताड़ित करने की कोशिश की जाएगी, जिसे हम झेलने के लिए तैयार हैं. वहीं बीजेपी हिंसा को लेकर ममता सरकार को लगातार घेर रही है. ममता सरकार पर आरोप है कि वो विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. वहीं ममता बनर्जी का कहना है कि इस हिंसा में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कोई हाथ नहीं है.
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे, जिसके बाद 11 जुलाई को वोटों की गिनती होगी. इस बार ममता की पार्टी टीएमसी के खिलाफ बीजेपी समेत तमाम क्षेत्रीय दलों ने गठबंधन किया है. बीजेपी का दावा है कि इस बार पंचायत चुनाव में उन्हें बड़ी जीत मिल रही है, वहीं ममता ने भी पूरा जोर लगाया है.