Sandeshkhali Latest News: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी की ओर से गठित कमेटी को संदेशखाली पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया है. शुक्रवार (16 फरवरी) को कमेटी संदेशखाली जा रही थी. इन नेताओं को धारा-144 का हवाला देकर रोका गया है. दरअसल, यहां महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटना की जांच के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार (15 फरवरी) को छह सदस्य एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था.
यही कमेटी गुरुवार को मौके पर पहुंच रही थी. कमेटी घटना की जांच कर इसकी पूरी रिपोर्ट बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी. कमेटी का का संजोयक केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को बनाया गया है, जबकि प्रतिभा भौमिक सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल कमेटी के सदस्य हैं.
राज्य सरकार दे रही गुंडों को संरक्षण - प्रतिमा भौमिक
संदेशखाली का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल की सदस्य और केंद्रीय मंत्री और प्रतिमा भौमिक का कहना है कि, "पश्चिम बंगाल में सब कुछ गलत हो रहा है... यहां महिलाओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है, उससे हम शर्मिंदा हैं. पुलिस अपराधियों और गुंडों को संरक्षण दे रही है. हम चाहते हैं कि संदेशखाली जाएं और पीड़ितों से मिलें, लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्हें ऊपर से आदेश है कि हमें न जाने दें."
मायावती ने भी जताई चिंता
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, हाल ही में महिला उत्पीड़न आदि की उजागर हुई घटनाओं को लेकर वहां जारी तनाव व हिंसा चिंता की बात है. राज्य सरकार इस मामले में निष्पक्ष होकर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे, ताकि ऐसी घटनाओं की आगे पुनरावृति न हो सके.
क्या हुआ है संदेशखाली में?
संदेशखाली में 9 फरवरी से काफी बवाल हो रहा है. दरअसल, यह इलाका टीएमसी के नेता शाहजहां शेख के दबदबे वाला है. शाहजहां शेख राशन घोटाले में 5 जनवरी को ईडी की छापेमारी के दौरान टीम पर हुए हमले के बाद से फरार है. उसके फरार होने के बाद 8 फरवरी से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां शेख और उसके लोग महिलाओं का यौन शोषण भी करते थे. 9 फरवरी को प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां समर्थक हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्मों को जला दिया. महिलाओं का दावा था कि वे स्थानीय ग्रामीणों से जबरन छीनी गई जमीन पर बने थे. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी यहां का दौरा करने के बाद कहा था कि, संदेशखाली में स्थिति काफी गंभीर है.
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