राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में बंगाल बीजेपी के 11 विधायकों पर मामला दर्ज, क्या बोली पार्टी?
West Bengal Politics: टीएमसी विधायक दल की शिकायत पर पश्चिम बंगाल में बीजेपी के 11 विधायक पर राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
West Bengal News: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 11 विधायकों पर राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. इन विधायकों पर इस सप्ताह की शुरुआत में विधानसभा परिसर में दिए गए धरने के दौरान राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप है. संसदीय मामलों के मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने कहा कि ये शिकायतें तृणमूल कांग्रेस विधायक दल की ओर से दर्ज करायी गई हैं.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी के विधायक 29 नवंबर को राज्य के प्रति केंद्र के भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ प्रदर्शन बंद करने से पहले बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के नीचे राष्ट्रगान गा रहे थे.
बीजेपी ने लगाया फंसाने का आरोप
सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने राष्ट्रगान के दौरान बीजेपी विधायकों पर राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाने और घंटियां बजाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान बमुश्किल 50 मीटर की दूरी पर गाया जा रहा था. बीजेपी ने कहा कि भले ही टीएमसी विधायक भले ही राष्ट्रगान गा रहे हों, लेकिन उनकी आवाज बहुत धीमी थी, जो उनके विरोध स्थल से सुनाई नहीं पड़ रही थी. बीजेपी ने आरोप लगाया कि टीएमसी उसके विधायकों को मनगढंत आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रही है.
बीजेपी विधायकों के खिलाफ एक्शन
वहीं, वरिष्ठ मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘बीजेपी ने राष्ट्रगान के प्रति सम्मान नहीं दिखाया और उचित कार्रवाई शुरू की जा रही है.’’ इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने भी कहा कि बीजेपी विधायकों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे. विधानसभा सचिवालय के एक सूत्र ने कहा कि हेयर स्ट्रीट पुलिस थाने ने इस संबंध में 11 बीजेपी विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
टीएमसी से देशभक्ति सीखने की जरूरत नहीं- BJP
सूत्रों के अनुसार कथित घटना का वीडियो फुटेज पुलिस को सौंप दिया गया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने से कहा कि उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि राष्ट्रगान गाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘ हम टीएमसी की तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध कर रहे था और आंबेडकर की प्रतिमा से थोड़ी ही दूरी पर थे. अगर राष्ट्रगान गाया भी गया तो यह बहुत ही धीमी आवाज में गाया जा रहा था. क्या वे (टीएमसी नेता) राष्ट्रगान के बोल भूल गए थे? हमें टीएमसी से देशभक्ति सीखने की जरूरत नहीं है.''