(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bengal Panchayat Polls: 'बंगाल में नहीं मिली संवेदनशीलों बूथों की जानकारी', चुनावी हिंसा पर BSF का बयान, बीजेपी बोली- मजाक
West Bengal Panchayat Election 2023: शनिवार को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए वोट डाले गए थे. इस दौरान राज्य के अलग-अलग इलाकों में जमकर हिंसा हुई.
West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल में शनिवार, 8 जुलाई को हुए पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान जमकर हिंसा हुई. वोटिंग के पहले शुरू हुई हिंसा के चलते राज्य में मरने वालों की 20 पहुंच गई है. वहीं, चुनाव के ऐलान के बाद से अब तक 39 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है. हिंसा को लेकर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है. वहीं, चुनाव के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि उन्हें संवेदनशील बूथों के बारे में जानकारी नहीं दी गई.
शनिवार शाम को टीएमसी वर्कर मतीउर रहमान बैष्णवनगर के एक पोलिंग स्टेशन पर वोट डालने के लिए आए थे. देर रात उनकी चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई. टीएमसी ने कांग्रेस पर इसका आरोप लगाया है.
चुनाव आयोग ने नहीं दी संवेदनशील बूथ की जानकारी- बीएसएफ
बीएसएफ ने कहा है कि बार-बार कहने के बावजूद उसे राज्य चुनाव आयोग की तरफ से संवेदनशील बूथों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. बीएसएफ के डीआईजी एसएस गुलेरिया ने एएनआई को बताया कि संवेदनशील बूथों की जानकारी के लिए राज्य चुनाव आयुक्त को कई पत्र लिखे गए, लेकिन सिवाय 7 जुलाई के कोई जानकारी नहीं दी गई. उस दौरान भी केवल बूथ संख्या के बारे में बताया गया लेकिन उनके लोकेशन या अन्य चीजों के बारे में कोई भी सूचना नहीं दी.
केंद्रीय बलों का नहीं हुआ इस्तेमाल- बीएसएफ डीआईजी
डीआईजी के हवाले से एएनआई ने लिखा, बीएसएफ की तैनाती स्थानीय अधिकारियों के आदेश पर की गई है. डीआईजी गुलेरिया ने कहा, चुनावी ड्यूटी के लिए 25 राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस की टुकड़ियां पहुंची थीं लेकिन संवेदनशील मतदान केंद्रों पर उनका उपयोग नहीं किया गया.
उन्होंने बताया कि राज्य में केवल 4834 संवेदनशील बूथ घोषित थे, जिन पर सीएपीएफ के जवान तैनात थे लेकिन असल में इससे कहीं ज्यादा संवेदनशील बूथ थे.
बीजेपी ने ममता बनर्जी पर बोला हमला
पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार हमला बोला है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ममता बनर्जी सरकार ने चुनावों का मजाक बना दिया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, कई जगहों पर स्ट्रांग रूम तक पहुंचने से पहले ठेकेदारों और स्थानीय प्रशासन की मदद से टीएमसी कार्यकर्ताओं को मतपेटियां बदलते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. भाजपा सांसद खगेन मुर्मू, स्थानीय विधायक और जिला परिषद उम्मीदवार ने उन्हें मालदा के गाजोल (हाजी नाकू एमडी हाई स्कूल) में ऐसा करते हुए पकड़ा. पूर्वी और पश्चिमी मेदिनीपुर सहित अन्य जगहों पर भी इसी तरह की घटनाएं सामने आईं.
यह भी पढ़ें