West Bengal Violence: CBI ने 9 मामले किए दर्ज, TMC नेताओं और कार्यकर्ताओं से हो सकती है पूछताछ
West Bengal Violence: CBI ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के संबंध में 9 मामले दर्ज किए हैं. इन मामलों की जांच के दौरान बंगाल और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर से तनातनी बढ़ सकती है.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान हत्या और बलात्कार की जांच के लिए सीबीआई ने कुल 9 मुकदमे दर्ज किए हैं. सीबीआई की विशेष जांच टीम फॉरेंसिक टीमों के साथ पश्चिम बंगाल पहुंच चुकी हैं. माना जा रहा है कि इन मामलों की जांच के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर तनातनी बढ़ेगी. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अभी इस मामले में और भी मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के बाद हत्या और बलात्कार के मामलों की जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने इस बाबत अभी तक कुल 9 मुकदमे दर्ज किए हैं जिनमें से एक बलात्कार का और 8 हत्या के बताए जा रहे हैं. सीबीआई ने इन मामलों की जांच के लिए 4 विशेष जांच टीमों का गठन किया था जिसमें चार संयुक्त निदेशक शामिल हैं और प्रत्येक टीम में 25 अधिकारी कर्मचारी रखे गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने इस मामले को कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा सौपें जाने के बाद पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा था जिसमें उनसे हत्या और बलात्कार के मामलों की सिलसिलेवार डिटेल मांगी गई थी. सूत्रों का कहना है कि क्योंकि इस पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा था कि बंगाल हाई कोर्ट के निर्देश पर यह जांच की जा रही है और सीबीआई को 6 सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट को हाई कोर्ट के सामने पेश करनी है. लिहाजा इस बाबत जल्द से जल्द तमाम जानकारी मुहैया करा दी जाए. इसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस की तरफ से सीबीआई को अनेक जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं जिनके आधार पर सीबीआई ने 9 मुकदमे दर्ज किए हैं.
सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान सीबीआई इन मामलों में शामिल टीएमसी के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं से भी पूछताछ कर सकती है. क्योंकि जिन लोगों की हत्या हुई हैं उनमें से कुछ के परिजनों ने यह आरोप लगाया था कि उनके परिवार को टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. इस बात को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में गर्मा गर्मी भी हुई थी और उसके बाद बंगाल हाईकोर्ट में एक विशेष जनहित याचिका दायर कर ऐसे मामलों की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई थी. कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए सीबीआई को जांच करने के निर्देश दिए थे.
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