West Bengal Post Poll Violence: पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. याचिका में कहा गया है कि सीबीआई केंद्र के इशारे पर काम करती है. उससे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. एजेंसी सिर्फ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने में लगी है.


19 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए पश्चिम बंगाल हिंसा की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. साथ ही एसआईटी का भी गठन किया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि हत्या और रेप के मामलों की जांच सीबीआई करेगी. बाकी मामलों की जांच एसआईटी करेगी. हाई कोर्ट राज्य सरकार को हिंसा पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए कहा था. साथ ही सीबीआई और एसआईटी से 6 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी थी.


सीबीआई अब तक मामले में 30 से ज़्यादा एफआईआर दर्ज कर चुकी है. कई लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार को 10 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें छह हत्या के आरोपों से संबंधित हैं, दो कथित सामूहिक बलात्कार और बलात्कार के हैं जबकि बाकी मामले हमले, अनधिकृत प्रवेश और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित हैं.


अब राज्य की ममता सरकार ने जांच का विरोध करते हुए कहा है कि हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एकतरफा रिपोर्ट के आधार पर जांच सीबीआई को सौंप दी. राज्य पुलिस मामले की जांच में सक्षम है. वह जांच ज़िम्मेदारी से कर रही थी. लेकिन हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों को अनसुना कर दिया.


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