West Bengal Post Poll Violence Case: पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में सीबीआई ने टीएमसी नेता अबू ताहिर पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. हिंसा मामले में नंदीग्राम तृणमूल कांग्रेस नेता (TMC Leader) अबू ताहिर के घर सीबीआई (CBI) की टीम पहुंची है. नंदीग्राम के चिलग्राम निवासी और बीजेपी कार्यकर्ता देबब्रत मैती की हत्या (Debabrata Maiti Murder) में अबु ताहिर (Abu Tahir) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. 


हालांकि सीबीआई ने अबू ताहिर को कई बार हल्दिया कैंप कार्यालय में तलब किया, लेकिन वह पेश होने से बचते रहे. उसके बाद सीबीआई की अर्जी के आधार पर हल्दिया अनुमंडल अदालत ने अबू ताहिर और तृणमूल के तीन नेताओं के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी किया. 


टीएमसी नेता अबू ताहिर के घर पहुंची CBI


सीबीआई की टीम आज तृणमूल कांग्रेस नेता अबु ताहिर के घर पहुंची है. सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए सीबीआई की टीम आज सुबह से अबू ताहिर के घर पर मौजूद है. दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने नंदीग्राम समेत राज्य के अलग-अलग  इलाकों में टीएमसी पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था. बीजेपी का आरोप था कि चुनाव में जीत के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कई जगह हिंसा की, जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ताओं की जान गई. 


अबू ताहिर का क्या है आरोप?


कोलकाता हाईकोर्ट ने हिंसा के दौरान हुई हत्या जैसे मामलों की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपी थी. इससे पहले सीबीआई ने अबू ताहिर समेत कई टीएमसी नेताओं (TMC Leaders) को नोटिस भेजा था. वहीं, टीएमसी नेता अबू ताहिर (Abu Tahir) ने दावा करते हुए कहा था बीजेपी कार्यकर्ता देबब्रत मैती (Debabrata Maiti) की हत्या समेत चिलग्राम हत्याकांड में टीएमसी नेताओं को फंसाने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) पर फंसाने का आरोप लगाया था. 


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