पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर CJI एनवी रमना को 2 हजार से ज्यादा महिला वकीलों ने लिखा पत्र
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद भारी हिंसा, आगजनी और लूटपाट हुई थी. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल दौरे के वक्त कहा था कि इस हिंसा में करीब एक लाख लोगों ने डर के मारे अपना घर छोड़ दिया है.
पश्चिम बंगाल में 2 मई को आए विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद जो खूनी हिंसा, लूटपाट और आगजनी हुई थी उसको लेकर देशभर के 2 हजार 93 महिला वकीलों ने चीफ जस्टिस एनवी रमना और सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों को पत्र लिखकर हिंसा पर फौरन संज्ञान लेने का अनुरोध किया है.
मामलों की जांच तथा प्राथमिकियां दर्ज करने के लिए एक विशेष जांच टीम बनाने का अनुरोध किया है. पत्र पर 2093 महिला वकीलों के दस्तखत हैं और इनमें कई वकीलें पश्चिम बंगाल की भी हैं. पत्र में दावा किया गया है कि राज्य में दो मई के बाद से शुरू हुई हिंसा में महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया.
महिला वकीलों ने कहा है कि राज्य में दो मई से हिंसा के कारण ‘संवैधानिक संकट’ की स्थिति है और इस वजह से राज्य में नागरिकों की हालत खराब है. पत्र में कहा गया, ‘‘हिंसा की घटनाओं ने भारत की हजारों महिला वकीलों को हिला दिया है और उनकी अंतरात्मा को चोट पहुंची है. यह बहुत दुख की बात है कि हिंसा के साजिशकर्ताओं ने महिलाओं और बच्चों को भी नही छोड़ा.’’
2,093 women lawyers across the country, have submitted their written representation to the CJI NV Ramana and other companion judges of the Supreme Court, requesting them to immediately take cognizance of the alleged West Bengal post-poll violence
— ANI (@ANI) May 24, 2021
पत्र में कहा गया कि गुंडों के साथ पुलिस की मिलीभगत थी और पीड़ित इस हालत में नहीं थे कि वे अपनी शिकायतें दर्ज कराएं और राज्य में ‘संवैधानिक तंत्र पूरी तरह ध्वस्त’ हो गया. पत्र में अनुरोध करते हुए कहा गया, ‘‘मामले का संज्ञान लें और प्राथमिकी दर्ज करने और मौतों तथा हमलों की जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन करें.’’
पीड़ितों की शिकायतें दर्ज करने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के बाहर के किसी अधिकारी को नोडल अधिकारी भी बनाने की मांग की गयी है. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को प्राथमिकता के आधार पर सभी स्तर पर एक प्रभावी शिकायत प्रणाली स्थापित करने और पुलिस विभाग को मिली शिकायतों के संबंध में शीर्ष अदालत के सामने दैनिक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद भारी हिंसा, आगजनी और लूटपाट हुई थी. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल दौरे के वक्त कहा था कि इस हिंसा में करीब एक लाख लोगों ने डर के मारे अपने घर छोड़ दिया है. इस हिंसा में करीब 16 लोगों की मौत हुई थी. बीजेपी ने हिंसा के लिए राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को इस हिंसा के लिए कसूरवार ठहराया था. इसके बाद राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उसके बाद लोगों से शांति की अपील की थी.
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