West Bengal News: पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस समारोह और सरस्वती पूजा कार्यक्रम पहली बार एक साथ राजभवन में आयोजित किए गए. जिसका असर यह हुआ कि राज्यपाल ने बांग्ला भाषा सीखने के लिए भी पूजा की. उन्होंने बांग्ला में 'अ' अक्षर लिखा. बात यहीं खत्म नहीं हुई, उन्होंने 'जय बांग्ला' के नारे लगा दिए जो अब तक सिर्फ टीएमसी ही लगाती आई है.


बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Ananda Bose) को बंगाल की प्रारंभिक भाषा बांग्ला सीखना महंगा पड़ गया. कार्यक्रम को खत्म करने के बाद राज्यपाल गुरुवार रात को ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए. 


दरअसल, सीवी आनंद बोस ने बंगाल की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझने के लिये बांग्ला भाषा सीखने की इच्छा जताई थी. इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जिस दिन वह बांग्ला सीखने की शुरुआत करेंगे उस दिन वह खुद वहां उपस्थित रहेंगी. ऐसे में गुरुवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा भी थी, जो राज्यपाल के बांग्ला सीखने के शुरुआत के लिए अच्छे दिन के साथ-साथ काफी शुभ भी था.


हाथे खोरी कार्यक्रम का किया गया आयोजन
मुख्यमंत्री की राजभवन में सरस्वती पूजा के बाद विधि-विधान से हाथे खोरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कैबिनेट के कई मंत्री और नेता तो दिखे लेकिन न तो बीजेपी या किसी और दल के नेता या कर्मी दूर-दूर तक दिखाई दिए. इस कार्यक्रम में राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पूजा में बैठी एक बच्ची ने पुजारी के मंत्रो उच्चारण के साथ स्लेट और पेंसिल के जरिये बांग्ला भाषा का पहला अक्षर लिखवाया और काफी विधि-विधान के साथ राज्यपाल की बांग्ला सीखने की इच्छा की शुरुआत हो गई.


हाथे खोरी कार्यक्रम की समाप्ति के बाद राज्यपाल से बांग्ला भाषा में अभिवादन करने को कहा गया. राज्यपाल को बांग्ला भाषा में क्या बोलना है क्या नहीं, ये सभी शब्द हिंदी में एक कागज पर लिखकर उनको दे दिए गए. जिसके बाद राज्य्पाल कागज पर लिखे उन शब्दों को पढ़ने लगे. उन्होंने कहा, ''माननीय मुख्यमंत्री, हमारे प्यारे भाइयों और बहनों, मैं बांग्ला सीखूंगा. बांग्ला सुंदर भाषा है. मैं बंगाल को प्यार करता हूं. मैं बंगाल के लोगों को प्यार करता हूं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस महानायक हैं, जो हमारे नायक भी हैं, जय बांग्ला जय हिंद.''


राज्यपाल के दिए गए इस अभिवादन के बाद ही उनको दिल्ली तलब कर लिया गया. इसके साथ यह भी कहा गया कि यह नारा तृणमूल ने 2021 के विधानसभा चुनाव में तब बुलंद किया था, जब बीजेपी की ओर से 'जय श्रीराम' के नारे लगाए जा रहे थे. ऐसे में तृणमूल के उसी नारे को राज्यपाल ने लगा दिया. सूत्रों की अगर मानें तो आज उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से राज्यपाल सीवी आनंद बोस की मुलाकात हो सकती है. इसके अलावा उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी होने की संभावना है.


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