कोलकाता: पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की चार नगर निकाय सहित पश्चिम बंगाल में सात नगर निकायों के लिए रविवार यानि 14 मई को मतदान होना है. विपक्ष ने तृणमूल कांग्रेस पर बाहुबल की रणनीति अपनाने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष चुनाव की मांग की है.


इन जगहों पर होंगे चुनाव


जिन सात नगर निकायों में चुनाव होने हैं उनमें पर्वतीय क्षेत्र के दार्जिलिंग, कुर्सियांग, कलिम्पोंग, मिरीक अधिसूचित क्षेत्र प्राधिकरण के अलावा मुर्शिदाबाद का डोमकल, दक्षिण 24 परगना का पुजाली और उत्तर दिनापुर का रायगंज शामिल है.


तृणमूल कांग्रेस पर नेताओं के खरीद फरोख्त का आरोप


दार्जिलिंग जिले में आक्रमक तृणमूल-जीएनएलएफ गठबंधन और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम)-बीजेपी गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. रविवार को होने वाला चुनाव यह फैसला करेगा कि पर्वतीय क्षेत्र पर कौन राज करेगा. यह पिछले एक दशक से जीजेएम का गढ़ है. जीजेएम ने तृणमूल कांग्रेस पर अपने नेताओं की खरीद फरोख्त करने और अपने खिलाफ झूठी और बेबुनियाद खबरें फैलाने का आरोप लगा रही है.


चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप शुरू


जीजेएम प्रमुख बिमल गुरूंग ने एक चुनाव अभियान के दौरान कहा है, ‘‘टीएमसी गोरखालैंड से जुड़े हितों को कम करके आंकने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए हम लड़ रहे हैं. टीएमसी, जीजेएम के बारे में झूठी और बेबुनियाद खबरें फैला रही है कि हमने पर्वत के विकास के लिए कुछ नहीं किया. टीएमसी की विभाजनकारी राजनीति पर्वतीय क्षेत्र में काम नहीं करेगी.’’


टीएमसी ने जीजेएम के आरोपों को बताया बेबुनियाद


राज्य के मंत्री और पर्वतीय क्षेत्र के प्रभारी अरूप विश्वास ने जीजेएम के आरोपों से इनकार किया. विश्वास ने कहा, ‘‘आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. तथ्य यह है कि जीजेएम पहाड़ी इलाके में तानाहशाही चला रही है और लोगों ने इसके खिलाफ बगावत करनी शुरू कर दी है. वहां के लोगों ने ममता बनर्जी को अपने अविवादित नेता के तौर पर स्वीकार कर लिया है और इसलिए जीजेएम ये आधारहीन आरोप लगा रही है.’’


वहीं डोमकल चुनाव में मुकाबला टीएमसी और कांग्रेस-सीपीआई गठबंधन के बीच है, जबकि पुजाली और रायगंज में टीएमसी को सीपाई-कांग्रेस के अलावा बीजेपी से भी चुनौती मिलने की संभावना है.