पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में हुई हिंसा की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है. गुरुवार को SIT की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया. कलकत्ता हाई कोर्ट ने  SIT को गुरुवार दोपहर 2 बजे तक केस डायरी और अन्य संबंधित दस्तावेज उसके सामने पेश करने का निर्देश दिया था.


HC ने राज्य सरकार को पूर्वी बर्दवान जिला न्यायाधीश की देखरेख में क्षेत्र में तुरंत सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, दिल्ली को अपराध स्थल का दौरा करने और बिना देरी किए सबूत एकत्र करने का निर्देश दिया.






क्या है पूरा मामला?


बीरभूम के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को करीब एक दर्जन मकानों में कथित तौर पर आग लगा दिए जाने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई. यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद हुई. बीजेपी ने इस हिंसा के लिए राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस समर्थित ‘‘गुंडों’’ को जिम्मेदार ठहराया. 


इस घटना को लेकर राजनीति भी खूब हो रहा है. गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने संसद पहुंचा है. प्रतिनिधिमंडल में डेरेक ओ ब्रायन, महुआ मोइत्रा, सुदीप बंदोपाध्याय सहित अन्य नेता मौजूद हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीरभूम हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने रामपुरहाट के बगतुई गांव पहुंचीं हैं. 


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