West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम का रुख किया है जिसमें उसने कहा था कि पंचायत चुनाव में हो रही हिंसा को देखते हुए वह सीईसी को आदेश देते हैं कि वह हर जिले में केंद्रीय बलों की नियुक्तियां करें. 


वहीं, पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग इस फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुका है. उसने शनिवार (17 जून) को फैसले के खिलाफ ई-एप्लीकेशन जारी किया है. इस याचिका में क्या कहा गया है इस संबंध में हमें अभी अधिक जानकारी का इंतजार है. 


कांग्रेस-बीजेपी दोनों ने टीएमसी पर लगाए हिंसा के आरोप
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में राष्ट्रीय राजनीति में एक दूसरे के धुर विरोधी बीजेपी और कांग्रेस कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं की हिंसा से खुद को त्रस्त बता रहे हैं लिहाजा उन्होंने एक स्वर में राज्य में होने पंचायत चुनावों के लिए दोनो ही पार्टियों ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की मांग की है.


बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव नामांकन के दौरान हुई कथित चुनावी गड़बड़ी और हिंसा को देश के लोकतंत्र का एक ‘काला अध्याय’ करार दिया और आरोप लगाया कि इन सबके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग का रवैया उदासीन रहा, जो सबसे चिंताजनक है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को अपने संवैधानिक कर्तव्यों और राज्य निर्वाचन आयोग को अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने की भी नसीहत दी.


उन्होंने दावा किया कि पंचायत चुनाव पर तृणमूल कांग्रेस सरकार का पूर्ण नियंत्रण है और इसी से पता चलता है कि नामांकन के अंतिम दिन सत्ताधारी पार्टी के 40,000 से ज्यादा लोगों का नामांकन दाखिल किया. उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हिंसा का तांडव हो रहा है और भाजपा कार्यकर्ताओं पर नृशंस हमले हो रहे हैं. इन सबके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग इन घटनाओं के प्रति उदासीन है, जो सबसे चिंताजनक है.


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