कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति दिलचस्प मोड़ पर आ गई है. ममता बनर्जी का एक भरोसे का सिपाही उन्हें छोड़ कर चया गया है. इस सिपाही का नाम शुभेंदु अधिकारी है, अधिकारी ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि अधिकारी जल्दी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो यह ममता बनर्जी के लिए बहुत बड़ा झटका होगा.


बंगाल की राजनीति में शुभेंदु अधिकारी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने ऐसी हलच मचाई है कि सारा देश उन्हें जान गया है. शुभेंदु अधिकारी ने कल विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया. अधिकारी विधानसभा पहुंचे और विधानसभा स्पीकर की जगह विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने ऐसा क्यों किया इसे लेकर कुछ नहीं कहा.


बता दें कि 27 नवंबर तक शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के राइट हैंड माने जाते थे. ममता कैबिनेट में उनकी हैसियत सबसे ज्यादा मानी जाती थी. तृणमूल कांग्रेस के लिए रैलियों में भीड़ का एक बड़ा कारण शुभेंदु अधिकारी होते थे. बंगाल मंत्रिमंडल में उनके पास तीन तीन विभाग थे. लेकिन फिर अचानल उन्होंने 27 नवंबर को पार्टी से इस्तीफा दिया और कल फिर विधायक पद भी छोड़ दिया.


शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को हल्दिया में एक रैली भी की थी. शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है लेकिन ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे जल्द ही बीजेपी का कमल थाम सकते हैं. संभावना जताई जा रही है कि अमित शाह के 19-20 दिसंबर के दौरे पर अधिकारी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.


बीजेपी ने किया इस्तीफे का स्वागत, रॉय बोले- खुली बाहों से उनका स्वागत करेंगे
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने अधिकारी के फैसले का स्वागत किया और कहा कि भगवा पार्टी खुली बाहों के साथ उनका स्वागत करेगी. रॉय ने कहा, ‘‘जिस दिन राज्य मंत्रिमंडल से शुभेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दिया था, मैंने कहा था कि अगर वह तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं तो मुझे खुशी होगी. आज उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं .’’ रॉय ने कहा कि अधिकारी जननेता हैं और गंभीर मंथन के बाद ही उन्होंने यह फैसला किया होगा .ो


अधिकारी ने राज्यपाल को लिखा पत्र, हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है ताकि राज्य की पुलिस ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के तहत उन्हें आपराधिक मामले में ना फंसाए. अधिकारी द्वारा राज्यपाल को लिखे गए एक पत्र की एक प्रति साझा करते हुए धनखड़ ने कहा कि वह ‘‘अपेक्षित कदम’’ उठा रहे हैं.


कर्तव्य और जनकल्याण की भावना से मंत्री पद छोड़ने का दावा करते हुए अधिकारी ने लिखा है कि राजनीतिक रूख में बदलाव के कारण प्राधिकार उनके खिलाफ प्रतिशोध के लिए उकसा सकता है. शुभेंदु ने 27 नवंबर राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राज्यपाल से उपयुक्त कदम उठाने के लिए आग्रह किया है ताकि पुलिस और प्रशासन के लोग उन्हें राजनीति से प्रेरित झूठे मामले में ना फंसाए.