Teachers Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में चार शिक्षकों की गिरफ्तारी हुई है. इन चारों शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इन सभी पर शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने और पैसे के बदले अवैध तरीके से नौकरी हासिल करने के आरोप हैं. इस भर्ती घोटाला मामले में लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं, ये पहली बार है जब इस भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित शिक्षकों को जेल भेजा गया है. 


कोर्ट ने भेजा जेल
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई ने मुर्शिदाबाद के चार शिक्षकों सैगर हुसैन, सिमर हुसैन, जहीरुद्दीन शेख और सौगत मंडल को अलीपुर विशेष अदालत में पेश किया था. जिसके बाद कोर्ट ने सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. सभी शिक्षकों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने के दौरान स्पेशल कोर्ट ने कहा कि ये वो लोग हैं जिन्होंने गिरफ्तार आरोपी तापस मंडल को नौकरी के एवज में पैसे दिए थे. 


गवाह के तौर पर किए गए थे पेश
दरअसल सीबीआई की तरफ से इन चारों शिक्षकों को गवाहों के तौर पर पेश किया गया था. जिसे लेकर कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट में इन शिक्षकों का नाम गवाह के तौर पर क्यों दर्ज है, जबकि उन्होंने भी नौकरी का आनंद लिया था. जबकि वो उसके लिए योग्य नहीं थे. कोर्ट ने कहा कि उन्हें भी आरोपी की तरह देखना चाहिए, न कि किसी गवाह की तरह...इसके बाद कोर्ट ने चारों शिक्षकों की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया. 


क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
पश्चिम बंगाल में साल 2014 से लेकर 2021 के बीच स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से कई भर्तियां की गईं, जिनमें बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया. इसके बाद शिक्षा कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया गया. आरोप था कि एक शिक्षक से इस भर्ती परीक्षा में पास होने के लिए 5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की रिश्वत ली गई थी. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई और कई टीएमसी नेताओं का नाम सामने आया. दावा है कि ये घोटाला करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. 


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