Teachers Recruitment Scam: कुंतल घोष और शांतनु बनर्जी को TMC ने पार्टी से निकाला, ED ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में किया है गिरफ्तार
West Bengal News: कुंतल घोष और शांतनु बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था. सोमवार को बनर्जी को 11 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा गया था.
West Bengal Teachers Recruitment Scam: टीएमसी ने मंगलवार (14 मार्च) को अपने यूथ विंग के नेताओं कुंतल घोष (Kuntal Ghosh) और शांतनु बनर्जी (Santanu Banerjee) को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इन दोनों को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था. टीएमसी (TMC) नेता शशि पांजा ने इस बात की पुष्टि करते कहा कि गिरफ्तार टीएमसी नेताओं कुणाल घोष और शांतनु बनर्जी को पार्टी से निकाल दिया गया है.
शांतनु बनर्जी को सोमवार को 11 दिनों के लिए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की हिरासत में भेज दिया गया था. उन्हें 24 मार्च को अदालत में पेश किया जाएगा. केंद्रीय एजेंसियों ने अब तक सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े कई लोगों को कथित रूप से घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
पहले कुंतल घोष को किया था गिरफ्तार
इससे पहले जनवरी में ईडी ने घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता कुंतल घोष को गिरफ्तार किया था. ईडी ने हुगली में शांतनु बनर्जी और कुंतल घोष के न्यूटाउन स्थित आवास पर तलाशी ली थी. ईडी के अधिकारियों ने घोष को उनके चिनार पार्क अपार्टमेंट में रात भर तलाशी अभियान के बाद पहले हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया था.
शुक्रवार को हुई शांतनु बनर्जी की गिरफ्तारी
ईडी ने शांतनु बनर्जी को शुक्रवार (10 मार्च) को कोलकाता में आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले बनर्जी को सात बार कोलकाता में ईडी के कार्यालय में बुलाया गया और उनसे पूछताछ की गई थी. कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए सहायक शिक्षक की अवैध नियुक्ति के आरोप में तत्कालीन प्रभारी मंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग, पश्चिम बंगाल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
ईडी-सीबीआई कर रही मामले की जांच
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी भी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले की जांच का सामना कर रहे हैं. पिछले साल ईडी ने पीएमएलए विशेष अदालत, कोलकाता के समक्ष शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी सहित आठ आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की थी. इसके अलावा अक्टूबर 2022 में, सीबीआई ने सहायक शिक्षकों की कथित अवैध नियुक्ति के संबंध में 13 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
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