एक लाख करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (साइबर एवं सूचना सुरक्षा) अनुज शर्मा की अगुवाई में सात सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल ने दिल्ली रवाना होने से पहले पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक घंटे बैठक की. बैठक में प्रधान सचिव राजीव सिन्हा और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने चक्रवात के कारण हुए नुकसान के बारे में सात सदस्यों के दल से विचार-विमर्श किया और उन्हें कृषि, मत्स्य एवं सिंचाई समेत अन्य क्षेत्रों को हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी.
बयान के अनुसार राज्य सरकार ने 1,02,442 करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन केंद्रीय दल के साथ साझा किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई भाषा' से कहा 'हमने आकलन की एक सूची केंद्रीय दल को सौंपी है. हमने अपने विचार साझा किए और उन क्षेत्रों के बारे में बताया जहां तत्काल मदद की आवश्यकता है. उन्होंने इस पर गौर किया है.'
'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने की मांग
चक्रवात उम्पुन को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित किये जाने की मांग करते हुए विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा ने भी केंद्रीय दल से कहा कि वह नुकसान का समुचित आकलन करे जिससे प्रभावित लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से जरूरी सहायता मिलना सुनिश्चित हो सके. पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में राज्य में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी भाजपा ने हालांकि कहा कि शब्दावली पर चर्चा करने के बजाए, प्रयास इस बात का किया जाना चाहिए कि केंद्र से मिलने वाली आर्थिक सहायता जरूरतमंदों तक पहुंचे.
विधानसभा में वाम मोर्चा के नेता और माकपा विधायक सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि केंद्र सरकार को यथाशीघ्र राहत पैकेज जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा 'हम केंद्रीय दल के दौरे का स्वागत करते हैं और चाहते हैं कि केंद्र उम्पुन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे. घरों को फिर से बनाने और लोगों के पुनर्वास के लिये जो भी राहत पैकेज जरूरी हो वह यथाशीघ्र लोगों को मिलना चाहिए.' वहीं कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि अगर चक्रवात को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाता है तो इससे अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों का ध्यान और मदद इस तरफ आएगी.
ग्रामीणों से राहत सामग्री की उपलब्धता पर हुई बात
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा कि दल द्वारा सावधानीपूर्वक किये गए नुकसान के आकलन के बाद जारी होने वाली केंद्रीय राहत सीधे पीड़ितों को फायदा पहुंचाने वाली होनी चाहिए. केंद्र सरकार के दल ने चक्रवात 'उम्पुन' से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए दक्षिण 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित इलाके का दौरा किया और ग्रामीणों से बातचीत की. यह दल कतानदिघि -रायदिघी के कुछ इलाकों में गया तथा उसने ग्रामीणों से राहत सामग्री की उपलब्धता तथा कृषि एवं संपत्ति को हुए नुकसान के बारे में लोगों की बातें सुनीं.
एक ग्रामीण ने टूटी-फूटी हिंदी में कहा 'कृपया आप यह सुनिश्चित कीजिए कि हमें और तिरपाल मिलें. हम मुश्किल घड़ी में रह रहे हैं. कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं और खेत तबाह हो गये हैं.' केंद्रीय अधिकारियों के साथ स्थानीय प्रखंड विकास अधिकारी और पंचायत सदस्य थे.
स्थानीय ग्रामीण बरूण दास ने कहा 'वे असली स्थिति देखने अंदरूनी हिस्सों में गये भी नहीं. उनका काफिला राजमार्ग पर ही रूका और कुछ देर के लिए वे उतरकर आसपास के क्षेत्र में गये एवं फिर लौट आये. वे नजदीक के उस स्थान पर नहीं गये जहां मिट्टी का तटबंध टूट गया और पूरा इलाका जलमग्न हो गया. ऐसे दौरे का क्या मतलब है?'
24 परगना जिले का हुआ दौरा
गृहमंत्रालय में संयुक्त सचिव (साइबर एवं सूचना सुरक्षा) अनुज शर्मा की अगुवाई में शुक्रवार को इस दल ने दो समूहों में बंटकर दक्षिण 24 परगना के पठारप्रतिमा और उत्तरी 24 परगना के संदेशखाली इलाके का दौरा किया. यह दल पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार शाम को तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचा था. शुक्रवार को जब यह दल उत्तरी 24 परगना जिले के मिनाखा और मलंचा प्रखंडों में पहुंचा था. तब उसे लोगों ने तख्तियां दिखायी थीं जिन पर लिखा था कि उन्हें पर्याप्त राहत नहीं मिल रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उत्तरी 24 परगना जिले के बासिरहाट का दौरा किया था. इस दौरे के बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल के लिए 1000 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. केंद्रीय दल के एक सदस्य ने कहा 'हमने स्थानीय लोगों से जो बातचीत की उसमें हम हर चीज का विस्तार से संज्ञान ले रहे हैं. हमें जो कुछ कहना है, हम उसका जिक्र अपनी रिपोर्ट में करेंगे.'
हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने आशंका जताई कि यह दल संभवत: 'अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम करेगा.' चक्रवात उम्पुन से दक्षिण बगाल के कई जिलों में 98 लोग मर गये थे और संपत्ति का बड़ा नुकसान हुआ था.
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