पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए विधानसभा उप-चुनाव का रास्ता खाली करते हुए राज्य की सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस नेता शोभन देव ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. वह भवानीपुर विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. यह विधानसभा सीट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट रही है. लेकिन जब सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम सीट से लड़ने के लिए चली गई थीं तो यहां से शोभन देव को टीएमसी टिकट पर उतारा गया था.
शोभन देव बोले- मेरे ऊपर नहीं कोई दबाव
इस्तीफा देने के बाद शोभन देव ने कहा- मुख्यमंत्री दो बार भवानीपुर सीट से जीत चुकी हैं. सभी पार्टी नेताओं ने चर्चा की और जब मैंने यह सुना कि वह यहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं तो मैंने सोचा कि मुझे यह सीट खाली कर देना चाहिए. किसी तरह का कोई दबाव नहीं है. किसी और में सरकार चलाने की साहस नहीं है. मैंने उनसे बात की. यह उनकी सीट थी और तो सिर्फ इसकी रक्षा कर रहा था.
स्पीकर बोले- स्वेच्छा से शोभन देव ने दिया इस्तीफा
लेकिन, नंदीग्राम में बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से 1953 वोट से हार के बाद ममता को दोबारा विधानसभा पहुंचने के लिए उप-चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचना जरूरी है. पश्चिम बंगाल के विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा- मैंने उनसे यह पूछा कि वे अपनी इच्छा से या फिर जबरदस्ती अपना इस्तीफा दे रहे हैं. मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं और मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
ममता बनर्जी को 6 महीने के अंदर चुनाव जीतना जरूरी
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से हार का सामना करने वाली बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिये छह महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी होगी. चट्टोपाध्याय से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का निर्णय है और वह इसका पालन करेंगे.
कृषि मंत्री चट्टोपाध्याय ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'मैं आज भवानीपुर सीट से विधायक के तौर पर इस्तीफा देने जा रहा हूं. यह मेरा और पार्टी का निर्णय है. मैं प्रसन्नतापूर्वक इसका पालन कर रहा हूं.' सूत्रों ने कहा कि 70 वर्षीय चट्टोपाध्याय खरदाह सीट से किस्मत आजमा सकते हैं, जहां पार्टी विधायक काजल सिन्हा के निधन के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी है.