बंगाल में चुनाव के बाद मारे गए BJP कार्यकर्ताओं का परिवार पहुंचा SC, एसआईटी गठन की मांग पर कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
2 मई को जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे, तभी कोलकाता में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं अभिजीत सरकार और हरन अधिकारी की हत्या कर दी गई थी. मामले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के शामिल होने का आरोप है.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीजों के दिन मारे गए दो बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में कहा गया है कि सरकार और प्रशासन की शह पर ही विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा हुई. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट दोनों हत्याओं और हिंसा के दूसरे मामलों की जांच सीबीआई को सौंपे या फिर इसके लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन करे.
2 मई को जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे, तभी कोलकाता में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं अभिजीत सरकार और हरन अधिकारी की हत्या कर दी गई थी. मामले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के शामिल होने का आरोप है. अविजीत सरकार ने अपनी हत्या से पहले फेसबुक लाइव पर अपनी जान को खतरे की बात भी बताई थी. आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की तरफ से की जा रही हिंसा पर अपनी आंखें बंद रखीं. जिसके चलते अभिजीत और हरन की हत्या हो गई.
सुप्रीम कोर्ट में अविजीत सरकार के भाई बिश्वजीत सरकार और हरण अधिकारी की पत्नी स्वर्णलता अधिकारी ने याचिका दाखिल की है. दोनों की तरफ से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने जस्टिस विनीत सरन और बी आर गवई की बेंच में दलीलें रखीं. जेठमलानी ने कहा कि सरकार और पुलिस ने हिंसा को बढ़ावा दिया. इन घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी मौजूद हैं. लेकिन जांच में लीपापोती की जा रही है. इसलिए, यह जरूरी है की इन घटनाओं की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच हो. याचिकाकर्ताओं के वकील ने आगे कहा, "अविजीत सरकार का शव आज तक उनके परिवार को नहीं सौंपा गया है. हम यह भी मांग करते हैं कि शव का अभी दाह संस्कार न किया जाए. उसका पोस्टमार्टम हो और उसकी वीडियोग्राफी भी करवाई जाए."
जजों ने थोड़ी देर की सुनवाई के बाद याचिका पर नोटिस जारी कर दिया. याचिकाकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य के पुलिस महानिदेशक, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को प्रतिवादी बनाया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकील को यह निर्देश दिया कि वह याचिका की कॉपी प्रतिवादियों को सौंप दें, ताकि वह जवाब दे सकें. मामले पर मंगलवार, 25 मई को आगे सुनवाई होगी.
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