आसनसोल: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी आज सांप्रदायिक हिंसा प्रभावित रानीगंज और आसनसोल का दौरा कर रहे हैं. इससे ठीक पहले आसनसोल में उन्होंने करीब एक घंटे तक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की और हिंसा की विस्तृत जानकारी ली.
बर्धमान वेस्ट जिला के रानीगंज क्षेत्र में सोमवार को राम नवमी जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद से तनाव जारी है. पुलिस ने इस मामले में अब तक कम से कम 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. भारी संख्या में पुलिस बल और रेपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को गश्त में लगाया गया है. पिछले तीन दिन में हिंसा की कोई नयी घटना नहीं हुई है.
आसनसोल में भी हिंसा भड़क उठी जिसके बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी और जिले के तनाव ग्रस्त इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी. हालांकि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. एसडीओ पी रॉय चौधरी ने कहा कि आसनसोल के दक्षिणी हिस्सों में दुकानें एवं बाजार खुले रहे और वाहनों की आवाजाही शुरू हुई.
राज्यपाल को नहीं मिली थी इजाजत
इस सप्ताह के शुरू में राज्य की ममता सरकार ने उन्हें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए आसनसोल और रानीगंज न जाने की सलाह दी थी. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और राज्य में बीजेपी की महिला मोर्चा अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को भी आसनसोल- रानीगंज क्षेत्र में गुरुवार को पुलिस ने प्रवेश करने से रोक दिया था.
बीजेपी ने ममता सरकार को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है. आसनसोल से बीजेपी के सांसद बाबुल सुप्रियो ने राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी पर तुष्टिकरण की राजनीति करके सामुदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है. वहीं टीएमसी बीजेपी पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा रही है.
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बेटा खोने वाले इमाम ने शांति की अपील की
आसनसोल के नूरानी मस्जिद के इमाम इम्दातुल्लाह राशिद ने दावा किया है कि हिंसा में उनके बेटे की भी हत्या हुई है लेकिन पुलिस ने इस घटना की पुष्टि नहीं की है. राशिद ने क्षेत्र में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की.
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हनुमान जयंती पर सियासत
पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोहों में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने आज हनुमान जयंती के अवसर पर राज्य में कोई बड़ी रैली निकालने से इनकार किया है. बीजेपी और वीएचपी की प्रदेश इकाई दोनों ने फैसला किया है कि वे हनुमान जयंती के दौरान अपने कार्यक्रमों को मंदिरों एवं स्थानीय क्लबों तक ही सीमित रखेंगे. दूसरी ओर, बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस समूचे राज्य के अलग- अलग हिस्सों में हनुमान जयंती मना रही है.