नई दिल्ली: भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री और नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद अभिजीत बनर्जी ने बताया कि उनके और प्रधानमंत्री मोदी के बीच क्या बात हुई. अभिजीत बनर्जी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उन्हें मजाकिया लहजे में मीडिया की ओर से 'एंटी मोदी' बयानों के लिए उकसाए जाने को लेकर सावधान किया.


प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद अभिजीत बनर्जी ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने जोक से शुरुआत करते हुए कहा कि कैसे मीडिया मुझे एंटी मोदी चीजें कहने के लिए प्रयास कर रही है. वो टीवी देख रहे हैं, वो आप लोगों को (पत्रकारों) देख रहे हैं. वे जानते हैं कि आप लोग क्या करना चाह रहे हैं.'' बनर्जी के इस बयान के बाद पत्रकारों ने भी ठहाका लगाया.





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अभिजीत बनर्जी से मुलाकात को लेकर पीएम ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने अभिजीत के साथ मुलाकात की एक तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की है. तस्वीर के साथ पीएम मोदी ने लिखा है कि मानव सशक्तिकरण के प्रति उनका जुनून साफ दिखाई देता है. भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. पीएम मोदी ने कहा है, ''नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ उत्कृष्ट बैठक. मानव सशक्तीकरण के प्रति उनका जुनून साफ ​​दिखाई देता है. हमने कई विषयों पर एक स्वस्थ और व्यापक बातचीत की है. भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं.''


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बता दें कि अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को साल 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिए जाने का एलान किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया जाएगा. वैश्विक गरीबी को कम करने और प्रयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए अभिजीत बनर्जी समेत तीन लोगों को नोबेल मिला है. इसका एलान 14 अक्टूबर को किया गया था.


कौन हैं अभिजीत बनर्जी?
अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ, उनके माता-पिता भी अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. उनके पिता कोलकाता के मशहूर प्रेसिडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख थे. अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता यूनिवर्सिटी में शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद अर्थशास्त्र में एमए के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय आ गए. इसके बाद उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में साल 1988 में पीएचडी की. 58 साल के अभिजीत बनर्जी फिलहाल अमेरिका की मेसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. बता दें कि 21 साल बाद अर्थशास्त्र का नोबल किसी भारतीय मूल के अर्थशास्त्री को मिला है, इससे पहले 1998 में प्रोफेसर अमर्त्य सेन को ये सम्मान मिला था.


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अभिजीत और इनकी पत्नी डुफलो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर भी हैं. बनर्जी संयुक्तराष्ट्र महासचिव की ‘2015 के बाद के विकासत्मक एजेंडा पर विद्वान व्यक्तियों की उच्च स्तरीय समिति’ के सदस्य भी रह चुके हैं. लगातार अर्थशास्त्र पर लेख लिखने वाले अभिजीत बनर्जी ने चार किताबें भी लिखी हैं. उनकी किताब पुअर इकनॉमिक्स को गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का खिताब भी मिला. अभिजीत ने दो डॉक्यूमेंटरी फिल्मों का डायरेक्शन भी किया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी सेवाएं दी हैं.


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