नई दिल्ली: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 39 दिनों की सुनवाई पूरी हो चुकी है. जिसमें दोनों पक्ष हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की ओर से संवैधानिक बेंच के सामने अपने अपने दावे और दलीलें पेश की गईं. अब दोनों ही पक्ष अपने-अपने हक में फैसला आने की उम्मीद कर रहे हैं. जानिए सुप्रीम कोर्ट में अभी तक की सुनवाई में दोनों पक्षों की ओर से क्या-क्या दलीलें पेश की गई हैं.


मुस्लिम पक्ष- मस्जिद अल्लाह का घर, किसी को सौंप नहीं सकते.


हिन्दू पक्ष- शरीयत के हिसाब से वो इमारत मस्जिद नहीं है.


मुस्लिम पक्ष- इमारत मस्जिद थी, किसी और का कब्जा नहीं था.


हिन्दू पक्ष- इमारत मस्जिद कैसे, वहां वजू की जगह तक नहीं थी.


मुस्लिम पक्ष- मस्जिद खाली जमीन पर बनाई गई थी.


हिन्दू पक्ष- नहीं विष्णु मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई


मुस्लिम पक्ष- 1886 में फैजाबाद के जिला जज ने मंदिर बनाने की इजाजत नहीं दी.


हिन्दू पक्ष- जिला जज ने सांप्रदायिक तनाव की आशंका से ऐसा किया.


मुस्लिम पक्ष- हिंदुओं ने बाद में मस्जिद को जन्मस्थान कहना शुरू किया.


हिन्दू पक्ष- 1858 में निहंग सिखों ने इमारत में जगह-जगह राम लिखा.


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इसके अलावा दोनों ओर से की गई बहस में रामायण और बाबरनामा का जिक्र भी आया.


हिंदू पक्ष- वाल्मीकि रामायण में अयोध्या श्रीराम का जन्म स्थान.


मुस्लिम पक्ष- धार्मिक ग्रंथों के आधार पर मुकदमा नहीं लड़ना चाहिए.


हिंदू पक्ष- अटूट आस्था कि विवादित इमारत की जगह जन्मस्थान है.


मुस्लिम पक्ष- ये साबित नहीं हुआ कि मस्जिद की गुंबद के नीचे जन्मस्थान.


हिंदू पक्ष- बाबर की आत्मकथा 'बाबरनामा' में भी मस्जिद का जिक्र नहीं,


मुस्लिम पक्ष- बाबरनामा के 2 गैर-मौजूद पन्नों में मस्जिद का जिक्र था.


हिंदू पक्ष- विवादित ढांचे पर शिव, हनुमान, कमल, शेर की आकृतियां.


मुस्लिम पक्ष- कमल जैसी बहुत सी आकृतियां इस्लाम में भी हैं.


हिंदू पक्ष- एएसआई की रिपोर्ट में लिखा है विवादित जगह पर मंदिर था.


मुस्लिम पक्ष- आर्कियोलॉजी कोई विज्ञान नहीं है.