Rahul Gandhi Visit Sadaiv Atal: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कुछ दिनों के ब्रेक पर है तो ऐसे में राहुल गांधी ने आज 26 दिसंबर को दिवंगत नेताओं की समाधि स्थल का दौरा किया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री की समाधियों के अलावा बीजेपी के दिग्गज नेता रहे और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर सोमवार को श्रद्धांजलि अर्पित की.


राहुल गांधी सबसे पहले अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की समाधि 'वीर भूमि' गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्होंने इंदिरा गांधी की समाधि 'शक्ति स्थल', नेहरू की समाधि 'शांति वन', लाल बहादुर शास्त्री की समाधि 'विजय घाट', महात्मा गांधी की समाधि राजघाट और वाजपेयी की समाधि 'सदैव अटल' जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके अलावा राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की समाधियों पर श्रद्धांजलि अर्पित की.


राहुल के इस कदम पर किसने क्या कहा?


राहुल गांधी के इस कदम से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं. कुछ ने इस विचार का विरोध किया तो कुछ लोगों ने राहुल के इस कदम की प्रशंसा भी की है. जहां बीजेपी ने इसे महज एक दिखावा बताया है तो वहीं, कांग्रेस ने इसे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राहुल का संदेश बताया है.


राहुल गांधी के सैदव अटल समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पर बीजेपी ने कहा कि अगर राहुल गांधी वास्तव में वाजपेयी जी के प्रति सम्मान दिखाने का दिखावा कर रहे हैं, तो कांग्रेस को गौरव पांधी की टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए और उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए. ये सिर्फ एक और दोगलापन लगता है. राहुल सम्मान का ढोंग करते हैं.


तो वहीं कांग्रेस ने कहा है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राहुल गांधी ने ये संदेश दिया है कि देश को आगे बढ़ाने वाले राजनेताओं और महान विभूतियों का सम्मान करना कांग्रेस पार्टी के संस्कार हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की लाइनों का जिक्र करते हुए कहा कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, इसीलिए देश के विकास में योगदान देने वाले लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं.


राहुल गांधी के इस कदम के क्या मायने?


नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) में लोकनीति के सह-निदेशक संजय कुमार ने द प्रिंट को बताया कि राहुल गांधी ने ऐसा करके एक संदेश देने की कोशिश की है कि वो छोटे राजनीतिक लाभ से ऊपर भारत को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. वो इस बात को भी उठाना चाहते हैं कि पीएम मोदी और उनकी सरकार केवल अपने ही नेताओं को श्रद्धांजलि दे रही है. पीएम ने नेहरू या इंदिरा की समाधि स्थलों का दौरा नहीं किया है.


ऐसा पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का इस्तेमाल किया हो. इससे पहले 12 जून 2018 को राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि वो एम्स में अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने तक नहीं गए. उन्होंने ट्वीट किया था कि एकलव्य ने अपना दाहिना अंगूठा इसलिए काटकर दे दिया था क्योंकि उनके गुरु ने इसकी मांग की थी. बीजेपी ने अपने गुरुओं वाजपेयी जी, आडवाणी जी, जसवंत सिंह जी और उनके परिवारों को अपमानित किया है.


वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता केके शर्मा ने द प्रिंट से बातचीत में कहा कि ये अच्छी बात है कि राहुल गांधी ने वाजपेयी जी की समाधि स्थल का दौरा किया. भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस ने भारत तोड़ो के लिए ज्यादा काम किया है. उनका तो टुकड़े-टुकड़े गैंग से भी संबंध है. राहुल गांधी वाजपेयी जी की समाधि पर पहले के पाप धोने गए थे लेकिन उन्हें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि अटल जी पहले एक स्वयंसेवक थे. उनकी विचारधारा राष्ट्रधर्म थी. राहुल गांधी ने इसे सिर्फ फोटो खिंचाने के लिए ऐसा नहीं किया होगा उन्हें अटल जी से कुछ सीखना चाहिए.   


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