नई दिल्ली: बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच कांग्रेस बुरी तरह फंस गई है. महागठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है और अब ऐसा लग रहा है कि यह महागठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच चुका है.


कल राहुल ने नीतीश से फोन पर बात की
उप राष्ट्रपति चुनाव को लेकर 18 विपक्षी दलों की जो बैठक हुई, उसी बैठक में पहले राहुल गांधी ने नीतीश कुमार के बारे में एक वरिष्ठ नेता से बात की और फिर बैठक खत्म होते ही उन्हें फोन किया .


राहुल गांधी के फोन की खबर मिलते ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि उन्होंने बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर नीतीश कुमार से बात की है . लेकिन जब एबीपी न्यूज़ ने राहुल गांधी के एक करीबी नेता से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राहुल गांधी ने केवल उपराष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार के समर्थन को लेकर बात की.


सूत्र के मुताबिक तेजस्वी यादव के मुद्दे पर राहुल गांधी की नीतीश कुमार से कोई बात नहीं हुई है. हालांकि उसी सूत्र ने ये भी बताया है कि बिहार के राजनीतिक हालत पर कांग्रेस नजर रखे हुए है और उसकी पूरी कोशिश है कि महागठबंधन किसी सूरत में टूटे नहीं .


कांग्रेस के लिए क्या है परेशानी?
कांग्रेस उन खबरों से परेशान है जिसमें कहा जा रहा है कि महागठबंधन टूटने की सूरत में नीतीश कुमार एनडीए का समर्थन ले सकते हैं . खुद कांग्रेस के पास इतनी सीट नहीं है कि वो नीतीश कुमार की सरकार बचा पाए. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक ऐसे में कांग्रेस लगातार नीतीश कुमार के संपर्क में रहना चाहती है ताकि वो एनडीए के पाले में नहीं जाएं.


कांग्रेस के लिए राहत की बात ये है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का साथ देनेवाले नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति चुनाव में गोपाल कृष्ण गांधी को समर्थन दे रहे हैं जो विपक्षी दलों के उम्मीदवार हैं. कांग्रेसी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें इसलिए हैं क्योंकि बिहार में सीटों का समीकरण ऐसा है कि नीतीश कुमार को अपनी सरकार बचाने के लिए या तो लालू का या फिर एनडीए का साथ लेना पड़ेगा.


क्या है बिहार में सीटों का समीकरण?
बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं. जबकि सरकार बनाने के लिए 122 सीटें चाहिए. बिहार में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस का महागठबंधन है. महागठबंधन के पास राज्य में जेडीयू की 71, आरजेडी की 80 और कांग्रेस की 27 विधायकों को मिलाकर 178 सीटें हैं. अगर नीतीश महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल होते हैं तो जेडीयू की 71, बीजेपी की 53, आरएलएसपी और एलजेपी की 2-2 और हम की एक सीट को मिलाकर आंकड़ा 129 हो जाएगा जो बहुमत से सात ज्यादा है.