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Hathras Case: 'हमें न्याय नहीं मिला', हाथरस कांड में 3 आरोपियों के बरी होने पर परिवार ने जताई नाराजगी, कहा- सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे
Hathras Murder: हाथरस में दलित युवती की हत्या के मामले में तीन आरोपियों के बरी किए जाने पर पीड़ित परिवार ने नाराजगी जताई है. परिवार ने फैसले के पीछे उनकी जाति को वजह बताया है.
Hathras Murder: हाथरस में दलित युवती से रेप और हत्या के मामले में यूपी के कोर्ट ने एक शख्स को सजा सुनाई जबकि तीन को बरी कर दिया. एससी-एसटी कोर्ट ने मुख्य आरोपी संदीप सिंह को गैर इरादतन हत्या का दोषी माना था, जबकि बाकी तीन को बरी कर दिया था. फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए युवती के भाई ने कहा कि उन्हें वहीं न्याय मिला है जो एक दलित को मिलना चाहिए. पीड़ित परिवार ने कहा है कि वह आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा.
सितंबर 2020 में पश्चिमी यूपी के हाथरस जिले में एक 19 वर्षीय दलित युवती की कथित तौर पर रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. मामले में युवती के गांव की चार ऊंची जाति के युवकों संदीप सिंह (20), रवि (35), लवकुश (35) और रामू (26) को आरोपी बनाया गया था. गुरुवार को कोर्ट ने इनमें से संदीप सिंह को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बाकी तीनों को कोर्ट ने बरी कर दिया.
बहन ने कहा- हमें न्याय नहीं मिला
इंडिया टुडे से पीड़िता की बहन ने कहा, ''हमें न्याय नहीं मिला. केवल एक आरोपी को सजा देना न्याय नहीं है. हमारा नाम, इज्जत सब चला गया. यह फैसला न्याय की हत्या है.''
परिवार ने फैसले के लिए जाति को वजह बताया है. पीड़िता के भाई ने कहा, ''फैसला हमारी जाति के हिसाब से है. ठाकुर और ब्राह्मण जो चाहें, कर सकते हैं और वे इससे बच भी जाएंगे.'' उन्होंने आगे कहा, ''जब तक न्याय नहीं मिल जाता, हम उसकी राख नहीं बहाएंगे. हम हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे."
जबरन जला दी गई थी लाश
सितंबर 2020 में युवती की हत्या के बाद परिजनों की इच्छा के विरुद्ध जिला प्रशासन ने शव का आधी रात में अंतिम संस्कार कर दिया था. जबरन अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार की जमकर आलोचना की थी. घटना के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए गए थे लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था. बाद में उन्हें मिलने की अनुमति दी गई थी.
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