मुंबई: अभिनेत्री जूही चावला ने 5जी वायरलेस नेटवर्क टेक्नोलॉजी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका खारिज होने के कुछ दिन बाद बुधवार को कहा कि उनका संदेश शोर में कहीं गुम हो गया.


जूही चावला (53) ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कहा कि उनका मकसद यह जानना था कि 5जी तकनीक सभी के लिए सुरक्षित है कि नहीं. अभिनेत्री ने वीडियो संदेश में कहा, "बीते कुछ दिनों में बहुत शोर मचा, जिसके चलते मैं बात नहीं रख सकी. इस शोर में, मुझे लगा कि मेरा एक महत्वपूर्ण संदेश गुम हो गया है कि हम 5जी के खिलाफ नहीं हैं. हम इसका स्वागत करते हैं. इसे लाइए. हम सब बस यही कह रहे हैं कि अधिकारियों को स्पष्ट करना चाहिए कि 5जी सुरक्षित है."






जूही चावला ने कहा, “हम तो सिर्फ ये  पूछ रहे हैं कि अथॉरिटीज ये सर्टिफाई करें कि यह सेफ है. इस पर रिसर्च पब्लिक डोमेन में लेकर आएं. ताकि हमारा डर निकल जाए. हम सब जाकर आराम से सो जाएं. ये बताएं कि गर्भवती महिलाएं, बच्चे और हमारे लिए सुरक्षित है. हमने सिर्फ यही पूछा है.”


जूही चावला पहुंची थी दिल्ली हाई कोर्ट
बता दें जूही चावला ने देश में 5जी वायरस नेटवर्क स्थापित किए जाने के खिलाफ 31 मई को दिल्ली हाई  कोर्ट का रुख किया था और लोगों, जानवरों और वनस्पति, जीवों पर रेडिएशन से पड़ने वाले प्रभाव से जुड़े मुद्दे उठाए थे.


दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते जूही चावला और सह याचिकाकर्ताओं सामाजिक कार्यकर्ता वीरेश मलिक और टीना वचानी पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका को 'दोषपूर्ण' व 'कानूनी प्रक्रिया के विरुद्ध' करार दिया था. साथ ही अदालत ने कहा था कि याचिका 'चर्चा में आने' के लिए दाखिल की गई.


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