Punjab Election 2022: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने, कांग्रेस पार्टी छोड़ने और नवजोत सिंह सिद्धू के साथ तल्खी पर खुलकर बात की. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि जब आप एक पार्टी में हो और जब पार्टी नहीं चाहती कि आप रहो, तो फिर अपनी पार्टी तो बनानी पड़ेगी, क्योंकि जितने साल मैं हूं, वो अपने पंजाब के लिए देना चाहता हूं. मैं रिटायर होने को तैयार नहीं हूं.
कैप्टन ने कहा कि जब मैंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी उससे पहले सोनिया गांधी जी से कहा था कि मैं पार्टी को अभी छोड़ना चाहता हूं, चुनाव के बाद नहीं, क्योंकि मैं और सिद्धु एक साथ नहीं चल सकते हैं, लेकिन सोनिया गांधी ने मना कर दिया था. उन्होंने मुझे कहा कि नहीं आप रहो, लेकिन फिर वही हुआ. मेरी पीठ पीछे से सीएलपी की मीटिंग बुला ली गई. वहां जो हो रहा था मुझे मालूम था. फिर सुबह 10 बजे सोनिया जी की कॉल आई कि अमरिंदर आपको इस्तीफा दे देना चाहिए, तो मैंने बोला कि मैं तो तैयार था. मैंने राज्यपाल को फोन किया कि समय दें, ताकि मैं अपना इस्तीफा दे सकूं.
कांग्रेस पार्टी में रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब मैं पार्टी में रहकर क्या करता. मुझे पार्टी में काम करना है. सिर्फ कुर्सी पर बैठे नहीं रहना था. कैप्टन ने कहा कि जब आप हर फेज में जीत रहे हो, तो फिर ये चेंज की जरुरत क्या थी. सिद्धू से दिक्कत को लेकर उन्होंने कहा कि सिद्धू की दिक्कत नहीं, ये तो लीडरशिप की दिक्कत है. सिद्धू के नेतृत्व में क्यों? सिद्धू क्या है, 14-15 साल तो बीजेपी में रहा और जो ड्रामे करता रहा वो तो देख ही रहे थे. फिर अचानक उन्हें कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष किसलिए बना दिया गया.
कैप्टन ने कहा कि जब से मैं राजनीति में आया हूं, 2002 से 2007 तक हमारी सरकार थी. 2007 में हम क्यों हारें, क्योंकि हमने गलत सीटें दीं. वो चुनाव लड़ने का तरीका नहीं था. इस बार मैंने जो सीटें मांगी वो दीं और हम जीते. कभी-कभी जो फील्ड वाले होते हैं वे ऑफिस में बैठने वाले लोगों की तुलना में चीजों को ज्यादा अच्छे ढंग से समझते हैं. यही पार्लियामेंट्री सीटों में हुआ. 43 में ले 8 हमारी सीटें हैं.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी को सिंबल मिलने को लेकर कहा कि नाम अप्रूव करने में तीन हफ्ते लगते हैं, जबकि सिंबल अप्रूव करने में 6 हफ्ते लगते हैं, ऐसे में मुझे इंतजार करना चाहिए. अलगे साल चुनाव में समय कम है, इसे लेकर कैप्टन ने कहा कि टाइम की बात नहीं होती. सवाल ये है कि लोगों की क्या अवधारणा है, परसेप्शन बनाना पड़ता है.
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